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इमरान खान ने राष्ट्रपति से पाकिस्तानी सेना की स्पष्ट भूमिका परिभाषित करने का आग्रह किया

इस्लामाबाद, सात नवंबर (भाषा) इमरान खान ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई की ‘स्पष्ट भूमिका’ परिभाषित करने और इस बात की जांच का आदेश देने का आग्रह किया है कि इसका प्रमुख सार्वजनिक रूप से उनकी निंदा करने और ‘‘झूठा विमर्श’’ गढ़ने के लिए आईएसआई प्रमुख के साथ ‘अत्यधिक राजनीतिक संवाददाता सम्मेलन’ कैसे कर सकता है।

रविवार को राष्ट्रपति को लिखे और मीडिया द्वारा सोमवार को प्रकाशित किए गए पत्र में, खान ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार हटने के बाद से, देश को ‘‘झूठे आरोपों, उत्पीड़न, गिरफ्तारी और हिरासत में प्रताड़ना के बढ़ते मामलों’’ का सामना करना पड़ा है।

उन्होंने अल्वी को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि वह सरकार में ‘‘दुष्ट तत्वों’’ के हाथों सत्ता के ‘‘दुरुपयोग’’ को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, 70 वर्षीय खान ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह उन्हें ‘बार-बार जान से मारने की धमकी’ देते रहे हैं और उन्हें सूचना मिली थी कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह तथा एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी द्वारा उनकी हत्या कराने की साजिश रची जा रही है।

खान ने कहा, ‘‘इस सप्ताह की शुरुआत में हमारे लॉन्ग मार्च के दौरान साजिश को अंजाम दिया गया, लेकिन अल्लाह ने मुझे बचा लिया और हत्या का प्रयास विफल हो गया।’’

उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि वह पाकिस्तान की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाली इन गंभीर चीजों का संज्ञान लें।

गत 27 अक्टूबर को, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम ने आईएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार के साथ यहां एक अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन किया था और केन्या में पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या तथा सेना के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री खान के टकराव के बारे में बात की।

खान ने राष्ट्रपति से पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई आईएसपीआर की ‘स्पष्ट भूमिका’ परिभाषित करने और इस बात की जांच का आदेश देने का आग्रह किया कि इसका प्रमुख सार्वजनिक रूप से उनकी निंदा करने और ‘‘झूठा विमर्श’’ गढ़ने के लिए आईएसआई प्रमुख के साथ ‘अत्यधिक राजनीतिक संवाददाता सम्मेलन’ कैसे कर सकता है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने अल्वी आग्रह किया कि वह दोषियों की पहचान करने के लिए जांच का नेतृत्व करें और घटना के जिम्मेदार लोगों को दंडित कराएं।

उन्होंने अपने पत्र में प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी लीक होने, साइबर विवाद और सेना की मीडिया शाखा, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की भूमिका के संबंध में तीन अलग-अलग बिंदु उठाए।

खान ने दावा किया कि तब सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन हुआ जब ‘प्रधानमंत्री के रूप में मेरे, सेना प्रमुख और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक के बीच एक कथित सुरक्षित लाइन पर हुई बातचीत मीडिया को ‘लीक’ हो गई।’

उन्होंने कहा, ‘इससे बहुत ही गंभीर सवाल उठता है कि कौन या कौन सा संगठन प्रधानमंत्री की सुरक्षित फोन लाइन को अवैध रूप से टैप करने में शामिल था? यह उच्चतम स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन है।’

पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने पत्र के अंत में अल्वी से देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा किए जाने की बात कही।

अल्वी (73) पीटीआई के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने 2006 से 2013 तक पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य किया था।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

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