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बांग्लादेश में मंदिरों में मांस टांगने पर हिंदुओं का प्रदर्शन- लोकल मुस्लिमों ने की घटना की निंदा, FIR दर्ज

खबर के मुताबिक लालमोनीरहाट जिले के हाटीबंध उपजिले में शुक्रवार तड़के पॉलीथीन में पैक कच्चा ‘बीफ’ गेंदुकुरी गांव के तीन हिंदू मंदिरों और एक घर के दरवाजे पर लटका दिया गया. इसके बाद प्रदर्शन शुरू हुए.

बांग्लादेश की पुलिस | विकीमीडिया कॉमन्स

ढाका: बांग्लादेश पुलिस ने तीन मंदिरों में बेअदबी के आरोप में शिकायतें दर्ज की हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय ने लालमोनीरहाट जिले में कथित बेअदबी की घटनाओं में लिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है. इस जिले की सीमा भारत से लगती है.

‘डेली स्टार’ अखबार ने रविवार को खबर दी कि लालमोनीरहाट जिले के हाटीबंध उपजिले में शुक्रवार तड़के पॉलीथीन में पैक कच्चा ‘बीफ’ गेंदुकुरी गांव के तीन हिंदू मंदिरों और एक घर के दरवाजे पर लटका दिया गया. इसके बाद प्रदर्शन शुरू हुए.

अखबार ने बताया कि घटना के सिलसिले में हाटीबंध थाने में शुक्रवार रात चार शिकायतें दर्ज कराई गईं. एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि इलाके के मुस्लिम निवासियों ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यह उन तत्वों ने किया है जो अलग-अलग धर्मों के लोगों के बीच की सद्भावना को बाधित करना चाहते हैं.

घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार को स्थानीय हिंदू समुदाय के सदस्यों ने गांव के श्री श्री राधा गोविंद मंदिर में विरोध प्रदर्शन किया.

हाटीबंध उपजिला पूजा उदजापन परिषद के प्रमुख दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया, जिन्होंने मौके का दौरा किया.

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सिंह ने बताया, ‘पुलिस ने हमें आश्वस्त किया है कि अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि घटना 26 दिसंबर को हुए स्थानीय संघ परिषद चुनावों से संबंधित हो सकती है.

हाटीबंध थाना प्रभारी इरशाद-उल-आलम ने कहा कि वे घटना की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं. आलम के मुताबिक, ‘बदमाशों’ का पता लगाने के लिए खोज अभियान शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद के नेता काजल देबनाथ ने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी देश के अन्य हिस्सों से रिपोर्ट हुई हैं और इस तरह के जघन्य कृत्यों के अपराधी निश्चित रूप से “हमारी आस्था और भावना” को चोट पहुंचाने की मंशा रखते हैं.

उन्होंने इन तत्वों को बांग्लादेश में “वास्तविक अल्पसंख्यक” कहा. वह 1971 के सांप्रदायिक तत्वों का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता का विरोध किया था.

अक्टूबर में, दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान सोशल मीडिया पर कथित ईशनिंदा पोस्ट सामने आने के बाद बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले किए गए थे. भीड़ ने दर्जनों घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और हिंदुओं के कम से कम 20 घरों में आग लगा दी थी.

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