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रूस यूक्रेन पर आक्रमण क्यों कर सकता है, इसके बारे में पांच चीजें जाने और अमेरिका क्यों शामिल है

(तात्सियाना कुलकेविच, दक्षिण फ्लोरिडा विश्वविद्यालय)

फ्लोरिडा, 24 जनवरी ( द कन्वरसेशन) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 19 जनवरी 2022 को कहा था कि वह समझते हैं कि रूस यूक्रेन पर हमला करेगा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेताया कि वह ऐसा करने पर पछताएंगे। उन्होंने यह बात महीनों के तनाव के बाद कही थी।

रूस ने पिछले कई महीनों में यूक्रेन के साथ लगती अपनी सीमा पर मोटे तौर पर एक लाख सैनिकों को तैनात किया है।

रूस ने फरवरी में होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए जनवरी के मध्य में बेलारूस में सैनिकों को भेजना शुरू कर दिया है। इस देश की सीमा यूक्रेन और रूस दोनों से लगती है।

अपने सैन्य बलों को वापस बुलाने से पहले पुतिन ने अमेरिका से सुरक्षा की कई मांगें की हैं। पुतिन ने मांग की है कि यूक्रेन के नाटो में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए और यह समझौता किया जाए कि नाटो पूर्वी यूरोप के अधिकांश हिस्सों से सैनिकों और हथियारों को हटाए।

इस खतरे को गंभीरता से लेने की वजह है। पुतिन ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया हिस्से को अपने देश में मिला लिया था।

यूक्रेन का इतिहास जटिल है और वह बताता है कि वह क्यों लगातार खतरे में है। पूर्वी यूरोप के एक विशेषज्ञ के तौर पर मैं ध्यान रखने योग्य पांच बिंदुओ को बता सकती हूं।

यूक्रेन के रूस के साथ रिश्तों को लेकर हमें क्या जानना चाहिए?

यूक्रेन को 30 साल पहले सोवियत संघ के विघटन के बाद अजादी मिली थी। वह तब से भ्रष्टाचार निपटने एवं अंदरूनी विभाजनों को पाटने के लिए संघर्ष कर रहा है।

यूक्रेन का पश्चिमी क्षेत्र आमतौर पर पश्चिमी यूरोप के साथ एकीकरण का हामी है जबकि देश का पूर्वी हिस्सा रूस के साथ करीबी रिश्तें रखने का पक्षधर है।

रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2014 में तनाव चरम पर था, जब हिंसक प्रदर्शनकारियों ने यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इन प्रदर्शनों को अब‘ गरिमा की क्रांति’ के रूप में जाना जाता है।

लगभग उसी समय, रूस ने क्रीमिया को जबरन अपने देश में मिला लिया। यूक्रेन एक कमजोर स्थिति में है, क्योंकि उसके पास अस्थायी सरकार है और सेना की भी तैयारी नहीं है।

पुतिन तुरंत पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में हमला करने के लिए बढ़ गए। यूक्रेन के सरकारी बलों और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच सशस्त्र संघर्ष में 14,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।

क्रीमिया को लेकर अपनी प्रतिक्रिया के विपरीत रूस ने लगातार डोनबास संघर्ष में संलिप्तता से इनकार किया है।

यूक्रेन क्या चाहता है?

डोनबास में रूस की सैन्य आक्रामकता और क्रीमिया पर कब्जा करने से यूक्रेन के पश्चिमी झुकाव को जनता का समर्थन बढ़ा है।

यूक्रेन की सरकार ने कहा है कि वह 2024 में यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए आवेदन करेगी, और नाटो में शामिल होने की महत्वाकांक्षा भी रखती है।

2019 में सत्ता में आए यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भ्रष्टाचार विरोधी, आर्थिक नवीनीकरण और डोनबास क्षेत्र में शांति को लेकर प्रचार किया था।

पुतिन यूक्रेन पर हमले की धमकी क्यों दे रहे हैं? यूक्रेन के साथ लगती सरहद पर सैन्य तैनाती बढ़ाने का कारण है कि पुतिन में दंड से मुक्ति की भावना ।

पुतिन यह जानते हैं कि पश्चिमी राजनीतिक नेता जो रूसी हितों की हिमायत करते हैं और पद छोड़ने के बाद रूसी कंपनियों के साथ जुड़ जाते हैं।

पश्चिमी देशों ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप और कंपनियों और अमेरिकी सरकार के लिए काम करने वाले लगभग 18,000 लोगों के खिलाफ साइबर हमले को लेकर रूस के खिलाफ ज्यादातर प्रतीकात्मक प्रतिबंध लगाए हैं।

पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको का राजधानी शहर मिन्स्क में विरोध प्रदर्शनों पर बड़े पैमाने पर क्रूर कार्रवाई करने का समर्थन किया है।

कई मौके पर पुतिन ने देखा है कि कुछ प्रमुख पश्चिमी राजनीतिक नेताओं ने रूस के साथ गठबंधन किया है। ये गठबंधन पश्चिमी देशों को पुतिन के खिलाफ एकीकृत मोर्चा बनाने से रोक सकते हैं।

उदाहरण के लिए, जर्मनी के पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर ने पद पर रहते हुए यूरोप और रूस के बीच रणनीतिक सहयोग की वकालत की। बाद में वह 2017 में रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट के अध्यक्ष बन गए।

पद पर रहते हुए रूस के प्रति नरम रुख को बढ़ावा देने वाले अन्य वरिष्ठ यूरोपीय राजनीतिक नेताओं में फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांकोइस फिलोन और ऑस्ट्रिया के पूर्व विदेश मंत्री कैरिन केनिसल शामिल हैं। दोनों पद छोड़ने के बाद रूसी सरकारी कंपनियों के बोर्ड में शामिल हो गए

क्या है पुतिन का आखिरी खेल?

पुतिन यूक्रेन को रूस के ‘प्रभाव क्षेत्र’ के हिस्से के रूप में देखते हैं – एक स्वतंत्र राज्य के बजाय एक क्षेत्र। स्वामित्व की इस भावना ने क्रेमलिन को यूक्रेन को यूरोपीय संघ और नाटो में शामिल होने से रोकने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया है।

रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी को हिरासत में लेने के बाद रूस में जनवरी 2021 में वर्षों में व्यापक सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। नवलनी के समर्थन में हजारो लोग सड़कों पर उतरे।

पुतिन यूक्रेन का उपयोग पश्चिमी शक्तियों द्वारा रूस पर लगाए प्रतिबंध हटाने के लिए भी कर रहे हैं। फिलहाल अमेरिका ने रूस के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं।

यूक्रेन पर रूसी हमले से राजनयिक स्तर पर अधिक बातचीत हो सकती है जिससे इन प्रतिबंधों पर रियायतें मिल सकती हैं।

अमेरिका संघर्ष में शामिल होना क्यों चाहता है?

क्रीमिया पर कब्जा करने और डोनबास संघर्ष का समर्थन करके रूस ने यूक्रेन के लिए बुडापेस्ट ज्ञापन सुरक्षा आश्वासन को तोड़ा है। यह 1994 में अमेरिका, ब्रिटेन और रूस के बीच हुआ एक समझौता है जिसका लक्ष्य यूक्रेन द्वारा परमाणु हथियारों को त्यागने की प्रतिबद्धता के बदले में उसकी संप्रभुता की रक्षा करना है।

द कन्वरसेशन

नोमान शाहिद

शाहिद

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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