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‘पाक प्रधानमंत्री इमरान खान और विपक्ष में समझौते पर पहुंचने के प्रयास जारी’

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, 31 मार्च (भाषा) दो प्रमुख सहयोगी दलों के पाला बदलने के बाद 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत खोने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान और संयुक्त विपक्ष के बीच निचले सदन को भंग करने के लिए समझौते पर पिछले दरवाजे से प्रयास चल रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

संघीय सरकार में उच्च पदस्थ सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार और संयुक्त विपक्ष के बीच पिछले दरवाजे से बातचीत चल रही है।

सूत्र ने कहा, “बातचीत एक बिंदु पर केंद्रित है- संयुक्त विपक्ष खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेगा और बदले में वह नेशनल असेंबली को नए सिरे से चुनाव के लिए भंग करेंगे।”

उन्होंने कहा, “अगर विपक्ष और सरकार के बीच समझौता हो जाता है तो प्रतिष्ठान में शीर्ष व्यक्ति गारंटर हो सकता है।”

उन्होंने कहा, “अगर यह समझौता हो जाता है, तो इस साल अगस्त में नए चुनाव होंगे।” उन्होंने कहा कि चूंकि विपक्ष खान पर भरोसा नहीं कर रहा है, इसलिए गारंटर उसकी चिंताओं को शांत कर सकता है।

सूचना मंत्री फवाद चौधरी द्वारा बुधवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और प्रधानमंत्री खान के बीच बैठक की पुष्टि के एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।

पाकिस्तान के अस्तित्व के 73 से अधिक वर्षों के आधे से अधिक समय तक देश पर शासन करने वाली शक्तिशाली सेना अब तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी प्रभाव दिखाती रही है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त विपक्ष को खान को सुरक्षित रास्ता नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा, “निर्वाचित प्रधानमंत्री को बिना किसी और देरी के इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि वह संसद में बहुमत खो चुके हैं।”

विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के महासचिव अहसान इकबाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनकी पार्टी तत्काल नए सिरे से चुनाव चाहती है।

उन्होंने कहा, “हम नेशनल असेंबली का कार्यकाल पूरा होने तक (अगले साल के मध्य तक) इमरान खान का ‘कचरा’ नहीं ढोना चाहते। यदि संयुक्त विपक्ष एक साल से अधिक समय तक बिना नए जनादेश के सत्ता में रहता है, तो यह खान की तरह अलोकप्रिय हो जाएगा।”

इकबाल ने कहा कि सिर्फ नए सिरे से चुनाव ही पाकिस्तान को मौजूदा राजनीतिक संकट से आगे ले जा सकता है।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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