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पाकिस्तान में बुलेट-प्रूफ कारों में चलेंगे चीनी कामगार : रिपोर्ट

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, छह नवंबर (भाषा) पाकिस्तान और चीन ने सीपेक परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों के बाहर निकलने पर उनके लिए बुलेट-प्रूफ वाहन इस्तेमाल करने पर सहमति जतायी है ताकि उन्हें आतंकवादी हमलों से बचाया जा सके। मीडिया में आयी एक खबर में रविवार को यह जानकारी दी गयी।

चीन ने अपने कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में काश्गर से जोड़ता है।

चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के तहत 60 अरब डॉलर की लागत वाला सीपेक राष्ट्रपति शी चिनफिंग की एक बड़ी परियोजना है। चीन की विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में उसके कामगारों की सुरक्षा एक बड़ी बाधा रही है।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, दोनों पक्षों ने सीपेक की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) के मसौदे में कानून प्रवर्तन एजेंसियों तथा जांचकर्ताओं की क्षमताओं को मजबूत करने पर भी सहमति जतायी है।

ग्यारहवीं जेसीसी के मसौदे के ब्योरे में कहा गया है, ‘‘यह तय किया गया है कि परियोजनाओं में काम कर रहे चीन के लोगों की सभी बाहरी गतिविधियों के लिए बुलेट-प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा।’’

राष्ट्रपति चिनफिंग ने पिछले सप्ताह सीपेक परियोजनाओं पर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त की थी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बीजिंग की पहली यात्रा के दौरान उनसे बातचीत में चीनी कामगारों के लिए ‘‘विश्वसनीय तथा सुरक्षित माहौल’’ बनाने का अनुरोध किया था।

मसौदे के विवरण से पता चलता है कि चीन, पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता निर्माण के लिए सुरक्षा संबंधित उपकरण मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

चीनी नागरिकों से जुड़े अपराधों की जांच में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान एजेंसी (एनएफएसए) का आधुनिक तर्ज पर विकास करने का फैसला किया गया है।

मसौदे के अनुसार, पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के आधुनिकीकरण के लिए चीन से सहयोग देने का अनुरोध किया है। चीन ने इसके लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

सूत्रों के अनुसार, अपने कामगारों पर बार-बार हमलों के कारण चीन ने पाकिस्तान से चीनी नागरिकों की सुरक्षा उसके सुरक्षाकर्मियों को सौंपने के लिए भी कहा था।

मसौदे से यह भी सुझाव मिलता है कि पाकिस्तान कुछ सीपेक ऊर्जा परियोजनाओं पर काम में तेजी लाने के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है। हालांकि, उसने ‘‘कर तथा शुल्क नीतियों को स्थिर बनाए रखने’’ की फिर से प्रतिबद्धता जतायी है।

भाषा

गोला नेत्रपाल

नेत्रपाल नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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