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हंगरी में यूनिवर्सिटी बनाने के विरोध की योजना का चीन ने किया बचाव

शनिवार को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में बड़ी संख्या में लोगों ने शहर में शंघाई के फुदान विश्वविद्यालय की शाखा खोलने के लिए किये गये करार के खिलाफ प्रदर्शन किया था और उन्होंने लागत एवं चीन की तथाकथित अधिनायकवादी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ संबंध का हवाला भी दिया था.

चीनी ध्वज (प्रतीकात्मक तस्वीर) | पिक्साबे
चीनी ध्वज (प्रतीकात्मक तस्वीर) | पिक्साबे

बीजिंग : चीन ने हंगरी में एक विश्वविद्यालय खोलने की योजना का सोमवार को यह कहते बचाव किया कि सप्ताहांत के दौरान बुडापेस्ट में उसका विरोध कर रहे आलोचकों को दोनों देशों के बीच सामान्य सहयोग का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.

शनिवार को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में बड़ी संख्या में लोगों ने शहर में शंघाई के फुदान विश्वविद्यालय की शाखा खोलने के लिए किये गये करार के खिलाफ प्रदर्शन किया था और उन्होंने लागत एवं चीन की तथाकथित अधिनायकवादी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ संबंध का हवाला भी दिया था.

इस योजना के तहत, विश्वविद्यालय का बुडापेस्ट परिसर 2024 तक बनकर तैयार हो जाने की बात कही गई है. योजना को हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान का समर्थन प्राप्त है.

इस परिसर में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों का दाखिला होगा और यह 27 देशों के यूरोपीय संघ में पहला चीनी विश्वविद्यालय परिसर होगा.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह योजना लोगों के बीच आपसी जनसंवाद का अहम मंच है और यह समय के वर्तमान रूख एवं सभी पक्षों के हितों के अनुरूप है.’ हम आशा करते हैं कि हंगरी में लोग वस्तुनिष्ठ, तर्कसंगत एवं वैज्ञानिक रवैया अपनायेंगे और चीन एवं हंगरी के बीच सहयोग एवं मित्रता को बनाए रखेंगे.’

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