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चीन में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ कनाडाई सरकार मजबूती से खड़ी रहेगी: जस्टिन ट्रूडो

ट्रूडो ने कहा, ‘हम मानवाधिकारों के समर्थन में मजबूती से खड़े रहेंगे. चाहे वह उइगर समुदाय की परेशानियों के बारे में बात हो या फिर हांगकांग की चिंताजनक स्थिति के बारे में या फिर चीन की बलपूर्वक कूटनीति के बारे में बात करना हो.’

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो । गेटी इमेज

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार चीन में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहेगी.

बृहस्पतिवार को कनाडा में चीन के राजदूत ने हांगकांग छोड़कर आ रहे लोगों को शरण नहीं देने के संबंध में ओटावा को चेतावनी दी थी. राजदूत कोंग पियू ने कहा था कि अगर कनाडा हांगकांग में रहने वाले 3,00,000 कनाडाई नागरिकों के बारे में और वहां कारोबार कर रहीं कंपनियों के बारे में सोचता है तो उसे चीन के हिंसा से लड़ने के प्रयासों में सहयोग करना होगा.

ट्रूडो ने कहा, ‘हम मानवाधिकारों के समर्थन में मजबूती से खड़े रहेंगे. चाहे वह उइगर समुदाय की परेशानियों के बारे में बात हो या फिर हांगकांग की चिंताजनक स्थिति के बारे में या फिर चीन की बलपूर्वक कूटनीति के बारे में बात करना हो.’

ट्रूडो ने कहा कि कनाडा दुनिया भर में अपने उन सहयोगियों और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, यूरोपीय देशों के साथ खड़ा है, जो मानवाधिकार उल्लंघनों के प्रति चिंतित हैं.

वहीं कनाडा में विपक्षी कंजर्वेटिव नेता इरिन ओ’टूले ने कहा कि चीनी राजदूत को माफी मांगनी चाहिए या फिर उन्हें कनाडा से बर्खास्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीनी राजदूत का बयान स्पष्ट रूप से हांगकांग में रह रहे 3,00,000 कनाडाई लोगों को धमकी की तरह है.

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पिछले साल हांगकांग और चीन की सरकारों के खिलाफ शहर में प्रदर्शन तेज हो गये थे. सरकारों के खिलाफ लोगों की भावनाओं और गुस्से को दबाने के लिए चीन ने हांगकांग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया जो 30 जून से प्रभावी है.

इस कानून में अलगाववादी, विध्वंसक और आतंकवादी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के साथ ही शहर के आतंरिक मामले में विदेशी ताकतों के साथ सांठगांठ पर भी रोक लगायी गयी है. अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन पर शहर की स्वतंत्रता में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है.


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