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‘बोरिस को जिताना है’ – कैसे जॉनसन का ये चुनावी गीत ब्रिटेन में हो रहा है वायरल

1.40 मिनट के वीडियो में ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को नरेंद्र मोदी के साथ दिखाया गया है, उनका कहना है कि वह ब्रेक्सिट मुद्दे को हल करेंगे.

बोरिस जॉनसन | चित्रण : सोहम सेन/ दिप्रिंट

नई दिल्ली: यूनाइटेड किंगडम (यूके) में भारतीय लोगों ने अपनी तरह का एक अलग काम किया है. भारतीय लोग प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का प्रचार एक वीडियो के जरिए कर रहे हैं. 12 दिसंबर को यूके में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होना है.

सोशल मीडिया पर वीडियो काफी तेज़ी से साझा की जा रही है. जिसमें हिंदी में एक गाना गाया है और कहा गया है कि जॉनसन ब्रिटेन के सारे मुद्दों का समाधान कर देंगे जिसमें ब्रेक्सिट भी शामिल है.

एक मिनट 40 सेंकेंड का वीडिया काफी वायरल हो रहा है. गीत इस प्रकार है – ‘बोरिस को हमें जिताना है, इस देश को आज बचाना है.’

हालांकि ये पता नहीं चल पाया है कि वीडियो किसने बनाया है. वीडियो में जॉनसन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ हाथ मिलाते हुए भी देखे जा सकते हैं. वीडियो में यूके में भारत के हाई-कमिश्नर रुचि घनश्याम को भी कई बार दिखाया गया है.

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गाने में जॉनसन को उद्योग, शिक्षा और देश की सुरक्षा और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) को बढ़ावा देंगे, इस तौर पर प्रस्तुत किया गया है.

चुनावों के मद्देनज़र सबसे बड़ी चुनौती यूके के सामने एनएचएसस प्रोग्राम है. ये प्रोग्राम पैसों और स्टॉफ की कमी की मार झेल रही है.

गीत यह भी कहता है कि कॉर्बिन एक विध्वंसक है और यह कि इस (लेबर पार्टी) लोगों को पीछा करना पड़ता है ताकि बोरिस को (ब्रिटेन का) प्रधानमंत्री बनाया जा सके.

यूके में लगभग एक सदी के बाद दिसंबर में चुनाव हो रहे हैं. जिसमें ब्रेक्सिट पर गतिरोध बना हुआ है. संभावित है कि यूके 31 जनवरी 2020 को यूरोपियन यूनियन से बाहर हो जाएगा.

भारतीय प्रवासियों को साधने की जॉनसन की कोशिश

पिछले हफ्ते जॉनसन (जोकि जुलाई में थेरेसा मे के बाद प्रधानमंत्री बने) ने लंदन में स्वामीनारायण मंदिर गए. साथ में कैरी साइमंड्स भी थीं जिन्होंने साड़ी पहनी हुई थी. ये यूके में रहे रहे 1.5 मिलियन भारतीय प्रवासियों को साधने की कोशिश थी.

रविवार को जॉनसन ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी एक नया भारत बना रहे हैं. हम यूके सरकार में रहकर उन्हें पूरा समर्थन कर रहे हैं. इस देश में जातिवाद और भारत विरोधी भावना के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता.’


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जॉनसन जब सत्ता में आए थे तो उन्होंने भारतीय मूल के तीन लोगों को अपनी कैबिनेट में स्थान दिया था. जिसमें प्रीति पटेल (गृह सचिव), आलोक शर्मा (अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव), और ऋषि सुनक शामिल हैं.

मोदी सराकर द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत और यूके के संबंध थोड़े कमज़ोर हो रहे थे.

बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन – ज्यादातर लेबर पार्टी के सदस्यों और पाकिस्तानी प्रवासियों के नेतृत्व में – लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने आयोजित किए गए थे. ऐसे ही एक विरोध के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने इमारत में तोड़फोड़ भी की.

प्रो-खालिस्तान समर्थकों को भी भारतीय उच्चायोग के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा गया था, जिसमें रेफरेंडम 2020 की मांग की गई थी, जिसे अलगाववादी सिखों द्वारा खालिस्तान के निर्माण के लिए बढ़ावा दिया गया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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