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‘राष्ट्र की चेतना पर धब्बा, न्याय का उपहास’- भारतीय-अमेरिकी समूहों ने स्टेन स्वामी की मृत्यु पर जताया दुख

स्टेन स्वामी को पिछले साल गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था और सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई.

स्टेन स्वामी/दिप्रिंट

वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी समूहों ने मंगलवार को फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु पर दुख जताया और उन्हें एक ऐसा सामाजिक कार्यकर्ता बताया, जिन्होंने भारत में गरीब आदिवासियों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

स्टेन स्वामी (84) को पिछले साल गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था और सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. कई बीमारियों से पीड़ित स्वामी हिरासत में कोरोनावायरस से संक्रमित भी पाए गए थे.

‘फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एनए’ (एफआईएसीओएनए) ने एक बयान में कहा कि वह एक बहादुर व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत में आदिवासियों की रक्षा और उनकी मदद करने के लिए अथक परिश्रम किया.

एफआईएसीओएनए ने कहा, ‘एक सरल एवं नम्र व्यक्ति, फादर स्वामी एक ऐसी व्यवस्था के खिलाफ खड़े थे, जो गरीब आदिवासियों और उनके संसाधनों के संप्रभु अधिकारों का शोषण करने को आमादा है.’

‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने कहा, ‘यह भारत में लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है और राष्ट्रीय नेतृत्व तथा न्यायपालिका के सदस्यों को शर्म से सिर झुकाना चाहिए. फादर स्वामी को हिरासत में लेना और जेल में उनके साथ जो व्यवहार हुआ, उस कारण उनकी मृत्यु हुई. यह राष्ट्र की चेतना पर धब्बा है और न्याय का उपहास है.’

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आईएनओसी ने यह भी कहा कि यह कई अन्य मानवाधिकार योद्धाओं को याद करने का भी समय है, जो अब भी जेल में हैं.


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