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भारत, चीन, रूस, जापान को विदेशियों से द्वेष रखने वाला बताने पर व्हाइट हाउस ने किया बाइडन का बचाव

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

(ललित के झा)

वाशिंगटन, तीन मई भाषा (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने रूस, चीन, भारत और जापान को ‘‘विदेशियों से द्वेष रखने’’ वाला बताने संबंधी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान का बचाव करते हुए कहा है कि अमेरिका अप्रवासियों का देश है और कोई अन्य देश अप्रवासियों का उस तरह स्वागत नहीं करता, जैसे अमेरिका करता है।

भारत और जापान ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के सदस्य हैं। इस चार सदस्यीय रणनीतिक समूह में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं।

‘व्हाइट हाउस’ की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे से जब बाइडन द्वारा बुधवार को एक कार्यक्रम में की इस टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एक ‘‘व्यापक बिंदु’’ पर बात कर रहे थे।

उन्होंने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारे सहयोगी और साथी बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि राष्ट्रपति उनका कितना सम्मान करते हैं।’’

पियरे ने कहा, ‘‘जापान के संदर्भ में जैसा कि आप जानते हैं कि वे (जापान) अभी यहां राजकीय दौरे पर आए थे। अमेरिका और जापान के संबंध महत्वपूर्ण हैं। यह गहरा और स्थायी गठबंधन है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (बाइडन ने) एक व्यापक बिंदु पर टिप्पणी की थी कि देश में अप्रवासियों का होना कितना जरूरी है और कैसे इनके कारण हमारा देश मजबूत बनता है। वह इस बारे में बात कर रहे थे।’’

पियरे ने कहा, ‘‘भारत और जापान के साथ निस्संदेह हमारे संबंध मजबूत हैं और यदि आप पिछले तीन वर्ष पर नजर डालें तो राष्ट्रपति ने इन राजनयिक संबंधों पर निश्चित ही ध्यान केंद्रित किया है।’’

बाइडन ने चुनाव के लिए चंदा एकत्र करने के लिए बुधवार शाम को आयोजित कार्यक्रम में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘यह चुनाव आजादी, अमेरिका और लोकतंत्र के बारे में है इसलिए मुझे आपकी सख्त जरूरत है। आप जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का एक कारण आप और कई अन्य लोग हैं। क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं।’’

डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार बाइडन ने कहा था, ‘‘इसके बारे में सोचिए। चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह ठहर सा क्यों रहा है? जापान को क्यों परेशानी हो रही है? रूस (को) क्यों (दिक्कत हो रही) है? भारत (को) क्यों (दिक्कत हो रही) है? क्योंकि उन्हें विदेशियों से द्वेष हैं। वे अप्रवासियों को नहीं चाहते।’’

भाषा सिम्मी जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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