(तस्वीरों सहित)
(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 15 जनवरी (भाषा) नेपाल का एक यात्री विमान पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय रविवार को एक नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई। विमान में पांच भारतीय नागरिकों समेत 72 लोग सवार थे।
नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) ने बताया कि येती एअरलाइंस के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी।
पोखरा इस हिमालयी देश में एक मशहूर पर्यटक स्थल है।
पूर्वाह्न करीब 11 बजे पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के किनारे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में कुल 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे।
द हिमालयन टाइम्स अखबार की खबर के मुताबिक, दुर्घटनास्थल से कम से कम 32 शव बरामद किए गए हैं।
भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि विमान में सवार कुल 10 विदेशी नागरिकों में पांच भारतीय शामिल थे।
येती एअरलाइंस के एक अधिकारी ने बताया कि विमान में सवार पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा, विशाल शर्मा, अनिल कुमार राजभर, सोनू जायसवाल और संजना जायसवाल के रूप में हुई है।
भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘काठमांडू से आ रहा येती एअरलाइंस का एक एटीआर-72 विमान आज पोखरा हवाई अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार इस विमान में पांच भारतीय नागरिक भी सवार थे। बचाव अभियान जारी है।’’
इसने बताया कि दूतावास स्थानीय प्राधिकारियों के संपर्क में है और स्थिति पर नजर रख रहा है।
एअरलाइंस के मुताबिक, विमान में 10 विदेशी नागरिक सवार थे। कुछ यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारतीय यात्रियों की स्थिति का अभी पता नहीं चला है।
अखबार ने कास्की जिले के मुख्य जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी के हवाले से बताया कि विमान सेती नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ और अभी बचाव अभियान चल रहा है।
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दुर्घटना के बाद मंत्री परिषद की आपात बैठक बुलाई। रविवार दोपहर को हुई बैठक में येती एयरलाइंस विमान दुर्घटना में लोगों की मौत पर शोक मनाने के लिए 16 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का फैसला किया गया।
प्रचंड ने हादसे पर दुख जताया और गृह मंत्रालय, सुरक्षाकर्मियों तथा सभी सरकारी एजेंसियों को तत्काल बचाव एवं राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
सरकार ने घोषणा की कि दुर्घटना की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की जाएगी।
विमान दुर्घटना के बाद पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आज वहां आने वाली तथा वहां से आने वाली उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया।
हादसे के तुंरत बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।
बहरहाल, पुलिस ने कहा कि पर्याप्त श्रमबल तैनात करना संभव नहीं था। पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि अग्निशमल इंजन खाई तक नहीं पहुंच सका जहां यह हादसा हुआ। इसके परिणामस्वरूप आग पर अभी तक काबू नहीं पाया गया है।
कास्की के पुलिस प्रवक्ता ज्ञान बहादुर खडका ने कहा कि दुर्गम स्थल होने के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द से जल्द लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन भौगोलिक मुश्किलों के कारण दिक्कत आ रही है।’’
पोखरा में विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद दुर्घटनास्थल के आसपास बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए।
खडका ने कहा कि इससे बचाव प्रक्रिया में बाधा आई। उन्होंने कहा, ‘‘हजारों लोगों की भीड़ है। भीड़ के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आई और एम्बुलेंस तथा दमकल की गाड़ियों को भी वहां पहुंचने में दिक्कत आई।’’
नेपाल का अचानक बदलते मौसम और दुर्गम स्थानों पर बनी हवाई पट्टियों के कारण विमान दुर्घटनाओं का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है।
देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी जब तारा एअर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।
भाषा
गोला नेत्रपाल
नेत्रपाल
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