लाहौर, 28 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार के नेताओं ने केवल सेना के साथ बातचीत की मांग करने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वह सेना को राजनीति में शामिल करना चाहते हैं तो उन्हें नागरिक अधिकारों की सर्वोच्चता को लेकर शिकायत नहीं करनी चाहिए।
दरअसल, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता शहरयार आफरीदी ने गठबंधन सरकार से बातचीत के प्रस्तावों को लेकर शुक्रवार को दावा किया कि पार्टी बातचीत करेगी, लेकिन बिलावल भुट्टो-जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) या सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के साथ नहीं।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता ख्वाजा साद रफीक ने कहा कि 71 वर्षीय खान की पीटीआई अगर सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत करना चाहती है, तो उसे नागरिक अधिकारों की सर्वोच्चता को लेकर शिकायत नहीं करनी चाहिए।
रफीक ने कहा, ‘‘इमरान खान का व्यवहार यही रहा है कि उनका एक हाथ उनकी गर्दन पर और दूसरा उनके पैरों पर होता है। वह बाहर चिल्लाते हैं कि वह स्वतंत्रता के पैरोकार हैं और दरवाजे के पीछे बातचीत की भीख मांगते हैं।’’
उन्होंने कहा कि पीटीआई नेता के इस बयान से उनका रुख पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है।
पीएमएल-एन नेता ने कहा कि राजनेताओं को आज नहीं तो कल एक-दूसरे से संवाद करना ही होगा।
इस बीच, टेलीविजन चैनल जियो न्यूज के एक कार्यक्रम के दौरान, पीएमएल-एन नेता राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पीटीआई की सोच राजनीतिक नहीं थी क्योंकि इसका उद्देश्य सेना के माध्यम से सत्ता पर कब्जा करना था।
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