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नींद में पड़ी झुर्रियां होती हैं अस्थायी, तकिए का भी होता है असर

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

(यूसूफ मोहम्मद, खान फान और वानिया रॉड्रिग्स लीत ई सिल्वा, द यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड)

ब्रिस्बेन, 10 मई (द कन्वरसेशन) जब आप सुबह नींद से जागते हैं और शीशे में अपना चेहरा देखते हैं तो पता चलता है कि रातों रात चेहरे पर कुछ झुर्रियां उभर आयी हैं।

नींद में पड़ने वाली ये झुर्रियां अस्थायी होती हैं। लेकिन जैसे ही आपकी उम्र के साथ त्वचा का लचीलापन खत्म होता है, ये झुर्रियां सही हो सकती हैं।

झुर्रियां बनने से रोकने की संभावना कम से कम करने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं।

करवट लेकर सोने से आपके चेहरे पर क्या असर होता है:

आपकी त्वचा पर कई कारणों से झुर्रियां पड़ती हैं, जिनमें उम्र बढ़ना, धूप से होने वाला नुकसान, धूम्रपान, पानी कम पीना, आदतन चेहरे के भाव (जैसे मुस्कुराना, थपथपाना, भौंहें चढ़ाना) और सोने की स्थिति शामिल हैं।

जब आप करवट लेकर या पेट के बल सोते हैं तो आपके चेहरे की त्वचा में कसावट आ जाती है और पीठ के सहारे सोने पर यह और अधिक कस जाती है। जब आप करवट लेकर या पेट के सहारे सोते हैं तो तकिए के विरुद्ध आपके चेहरे पर गुरुत्वाकर्षण का दबाव होता है। तो जब आप नींद में हिलते हैं तो आपके चेहरे की त्वचा पर प्रभाव पड़ता है, यह दबती है और सभी दिशाओं में खिंचती है।

आप पीठ के सहारे या बार-बार सोने की मुद्रा बदलकर चेहरे पर इन बाहरी कारकों के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

डॉक्टर आपके चेहरे को देखकर बता सकते हैं कि आपको किस करवट सोना चाहिए।

कम उम्र में नींद से पड़ने वाली झुर्रियां अस्थायी होती हैं और नींद खुलने के बाद नहीं दिखाई देतीं।

सोने की प्रत्येक मुद्रा में बिताया गया समय, चेहरे के प्रत्येक हिस्से पर लागू बाहरी बलों का परिमाण, साथ ही तकिए की सतह के कितने हिस्से में चेहरा आता है…..ये सब नींद की झुर्रियों के बनने के पैटर्न और दर को प्रभावित करते हैं।

त्वचा विशेषज्ञ अक्सर इसे पहचान लेते हैं। जो लोग अपने शरीर के एक तरफ सोना पसंद करते हैं उनके सोने वाली तरफ का चेहरा चपटा होता है और नींद की रेखाएं अधिक दिखाई देती हैं।

क्या रात में त्वचा पर कोई क्रीम आदि लगाने से झुर्रियों को रोका जा सकता है?:

त्वचा की आंतरिक परत (डर्मिस) के दो प्रमुख तत्व कोलाजेन और इलास्टिन हैं। वे त्वचा के लचीलेपन को कायम रखते हैं।

त्वचा का लचीलापन बढ़ाने के लिए त्वचा देखभाल दिनचर्या के माध्यम से कोलाजन की आपूर्ति करने से झुर्रियां बनने से रोकने में मदद मिल सकती है।

हयालूरोनिक एसिड मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक तत्व है। यह हमारी त्वचा के कोलाजन और इलास्टिन को उचित विन्यास में रखता है, कोलाजन के उत्पादन को उत्तेजित करता है और जल तत्व बढ़ाता है जिससे झुर्रियां बनने की प्रक्रिया धीमा करने में मदद मिल सकती है। हयालूरोनिक एसिड त्वचा देखभाल क्रीम, जैल और लोशन में सबसे आम सक्रिय तत्वों में से एक है।

क्या तकिये के रेशमी खोल से कुछ लाभ हो सकता है?:

तकिए के रेशम या सिल्क से बने खोल झुर्रियों के निर्माण में अंतर ला सकते हैं बशर्ते वे एक ही स्थान पर घर्षण और दबाव डालने के बजाय आपकी त्वचा को सरकने और हिलने-डुलने दें। यदि आप कर सकते हैं, तो रेशम की चादरें और रेशम के तकिए का उपयोग करें।

अध्ययनों से यह भी पता चला है कि नींद के दौरान यांत्रिक तनाव को कम करने के लिए डिजाइन किए गए तकिए त्वचा की विकृति को रोक सकते हैं। ऐसा तकिया चेहरे की कुछ झुर्रियों को बनने से रोकने में उपयोगी हो सकता है।

(द कन्वरसेशन) वैभव माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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