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महिलाएं, जाति, उम्र और प्रदर्शन; योगी सरकार 2.0 के गठन में ये होंगे मुख्य कारक

10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी के भीतर कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. सूत्रों ने बताया, 'चुनाव से कुछ महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए कई नए नेता भी जीतरप आए हैं और उनके सरकार में शामिल होने की संभावना है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ | फोटो: एएनआई

नई दिल्ली: यूपी में मिली जीत के बाद सीएम योगी अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि योगी सरकार 2.0 के गठन से पहले महिलाओं, जाति, शिक्षा योग्यता, उम्र और विधायकों के प्रदर्शन जैसे कई कारकों को ध्यान में रखा जाएगा.

10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी के भीतर कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. सूत्रों ने बताया, ‘चुनाव से कुछ महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए कई नए नेता भी जीतरप आए हैं और उनके सरकार में शामिल होने की संभावना है. अब तक जो कवायद की गई है, उससे पता चलता है कि कैबिनेट की घोषणा करते समय निस्संदेह किसी विशेष क्षेत्र के जाति और उस इलाके के निर्वाचित विधायक के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखा जाएगा.

सूत्रों के अनुसार, पिछले कार्यकाल के कई मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ सार्वजनिक नाराजगी थी, इस तथ्य के कारण कि ये नेता शायद ही कभी निर्वाचन क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलते थे.

उन्होंने कहा, ‘बिहार की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश में भारी संख्या में पार्टी को वोट देने के लिए खड़ी हुई महिला मतदाताओं ने राज्य में बीजेपी को बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. यह भी समझा जाता है कि योगी मंत्रिमंडल में महिला प्रतिनिधित्व एक होगा. कुछ महिला विधायकों को शामिल किया जाएगा.’

बीजेपी अगले कुछ दिनों में 36 सीटों पर एमएलसी चुनाव के लिए भी उम्मीदवारों को अंतिम रूप देगी. कुछ मंत्री, जो पहले भी एमएलसी रह चुके हैं, उनके दोबारा आने की संभावना है.

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भाजपा के लिए इस चुनाव में जो बड़ा झटका लगा, वह केशव प्रसाद मौर्य का जाना था, जो सिराथू से योगी 1.0 सरकार में उपमुख्यमंत्री थे. उनके अनुभव और लोकप्रियता को देखते हुए कहा जा रहा है कि उन्हें एमएलसी बनाया जाएगा. कांग्रेस से भाजपा नेता बने जितिन प्रसाद को भी एमएलसी के रूप में दोहराया जा सकता है क्योंकि वह योगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए चुनाव परिणामों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम दो दौरे किए हैं.

इन बैठकों में शामिल होने वाले राज्य के अन्य नेताओं में दिनेश शर्मा, केशव मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश महासचिव सुनील बंसल शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां कुछ बैठकों का हिस्सा रहे हैं, वहीं ज्यादातर बैठकें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष, गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह की मौजूदगी में हुई हैं.

बीजेपी उत्तर प्रदेश कोर कमेटी ने राज्य में सरकार गठन पर चर्चा के लिए बुधवार को छह घंटे लंबी अहम बैठक की.


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