होम राजनीति 101 सीटों के साथ बीजेपी के राज्यसभा सांसदों की संख्या ने इतिहास...

101 सीटों के साथ बीजेपी के राज्यसभा सांसदों की संख्या ने इतिहास में पहली बार तिहरे अंकों में प्रवेश किया

बीजेपी ने इस बार के राज्य सभा चुनावों में 4 सीटें जीतीं, इसके साथ ही वह 1988-90 के बाद सौ सीटों का आंकड़ा पार करने वाली पहली पार्टी बन गई.

भाजपा की एक रैली का दृश्य | प्रतीकात्मक तस्वीर | सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को गुरुवार को संपन्न हुए राज्य सभा चुनाव के नवीनतम दौर में 13 में से चार सीटों पर मिली जीत के साथ ही इस पार्टी को अपने इतिहास में पहली बार राज्यसभा में तीन अंकों वाली सदस्य तालिका हासिल हुई है.

यह पहली बार है जब 1988-1990 के बाद किसी पार्टी ने उच्च सदन में तीन अंक वाला आंकड़ा पार किया है. 1990 के चुनावों में आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस की संख्या सदस्य दहाई के अंकों – 99 – तक गिर गई थी.

इन चार सीटों की बढ़ोत्तरी के बाद 245 सदस्यीय सदन में बीजेपी की सदस्य संख्या 101 हो गई है. बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास अब राज्यसभा में 117 सदस्य हैं. सदन में फ़िलहाल 236 सदस्य हैं और नौ खाली पद हैं. दूसरी तरफ, कांग्रेस 29 सीटों के साथ एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई है.

जिन 13 सीटों पर हाल में मतदान हुआ है उनमें से आम आदमी पार्टी (आप) ने पांच और बीजेपी ने चार सीटों पर जीत हासिल की है. इस बीच, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और असम में बीजेपी की सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने एक-एक सीट जीती है.

इस बारे में दिप्रिंट से बात करते हुए, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा, ‘बीजेपी द्वारा पहली बार राज्यसभा में तीन अंकों का आंकड़ा छूना एक खास पल जैसा है. यह हमारे पूर्व, वर्तमान नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के  बलिदान, अडिग आदर्शों और निरंतर कड़ी मेहनत की वजह से ही संभव हो पाया है.‘

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने कहा, ‘यह देश में सिद्धांतवादी राजनीति का आगाज है. भारत के लोगों ने कांग्रेस की वंशवाद और शाही अधिकार की राजनीति को निर्णायक रूप से खारिज कर दिया है.’

हालांकि, कुछ बीजेपी नेताओं ने एहतियात बरतने का सुझाव देते हुए कहा कि तीन अंकों के आंकड़े पर जश्न मनाया जाना समय से थोड़ा पहले का काम हो सकता है. खास तौर पर यह देखते हुए कि जल्द ही कुछ और रिक्तियां होंगी.

इस साल राज्यसभा की 75 सीटें खाली होने वाली हैं. इनमें से 13 के लिए मतदान 31 मार्च को हुआ था. शेष 62 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बिहार, कर्नाटक, ओडिशा और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बाद में चुनाव होंगे.

अपना नाम न छापने की शर्त पर बात करते हुए एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, ‘इन 62 सीटों में से हमारे पास अभी 30 सीटें हैं और हम निश्चित रूप से कुछ राज्यों में ज्यादा सीटें हासिल करने जा रहे हैं. लेकिन उन राज्यों में चीजें अभी इतनी स्पष्ट नहीं हैं जहां हम विधानसभा चुनाव हार गए थे  इसलिए अभी यह देखा जाना बाकी है कि 100 सीटों का यह आंकड़ा कायम रहेगा या नहीं.’


यह भी पढ़ें: रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने भारत को बताया ‘लॉयल पार्टनर’, कहा- इंडिया को हर मदद देने को तैयार

‘1988 के बाद कोई पार्टी इस स्तर पर नहीं पहुंची

गुरुवार से पहले न तो बीजेपी और न ही उसकी पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ ने कभी भी (राज्य सभा में) तीन अंकों का आंकड़ा छुआ था. 2014 में जब तक देश में ‘मोदी लहर’, जो पार्टी को एक के बाद कई राज्यों में सत्ता में लाई थी, शुरू नहीं हुई थी. साल 2010-12 में बीजेपी की सबसे अच्छी सदस्य संख्या 51 थी.

ग्राफिक | दिप्रिंट टीम

बीजेपी के आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा, ‘बीजेपी और उसके सहयोगी दल ने असम से राज्यसभा की दोनों सीटें जीतीं हैं. उत्तर पूर्व की अन्य दो सीटें, त्रिपुरा और नागालैंड भी बीजेपी ने ही जीती हैं. यह इसे 4/4 का आंकड़ा बनाता है. कांग्रेस को एक बड़ा सा शून्य मिला है.’

उन्होंने 1988-90 की अवधि, जब कांग्रेस के पास 108 राज्य सभा सांसद थे, का जिक्र करते हुए कहा, ‘बीजेपी के पास अब राज्यसभा में 100 सदस्य हैं. 1988 के बाद ऐसी कोई पार्टी नहीं रही है.’

इसी तरह बीजेपी की राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट चारु प्रज्ञा ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी 1988 के बाद राज्यसभा में 100 सीटें हासिल करने वाली पहली पार्टी होगी. एनडीए ने असम से 2 सीटें जीतीं!’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: मीराबाई के पद, टैगोर और किशोर के गीत- रिटायर हो रहे राज्यसभा सदस्यों के संगीतमय विदाई की तैयारी


Exit mobile version