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केंद्रीय मंत्री आरके सिंह बोले- ‘कांग्रेस के पास नेता नहीं हैं, लोग तुष्टीकरण बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

केंद्रीय मंत्री और पूर्व आईएएस अधिकारी आरके सिंह बोले- बिहार में ईमानदारी की तारीफ होती है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जनता का भरोसा खो दिया है.

केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह | एएनआई

आरा, ​​बिहार: केंद्रीय मंत्री आरके सिंह एक गेस्ट हाउस में सैकड़ों ग्रामीणों से घिरे हुए बैठे हैं जो उन्हें बिहार के आरा में उनके प्रतिद्वंद्वी सीपीआई-एमएल उम्मीदवार के आक्रामक अभियान के बारे में बताने के लिए आए थे. हालांकि, इस लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे आरके सिंह एक बार फिर से अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं.

पिछले हफ्ते दिप्रिंट के साथ बातचीत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनके द्वारा किए गए विकास-कार्य निर्वाचन क्षेत्र से उनकी तीसरी जीत का कारण बनेंगे. साथ ही, उन्होंने बिहार में मतदान प्रतिशत में गिरावट का हवाला देते हुए अपनी टीम और समर्थकों को बूथों पर मतदान प्रतिशत के बारे में अतिरिक्त सतर्क रहने के लिए आगाह किया.

उन्होंने आरोप लगाया, “अब, वे (कांग्रेस) विरासत कर के बारे में बात कर रहे हैं. लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. आप लोगों की संपत्ति का सर्वेक्षण करने की बात क्यों कर रहे हैं? आप ऐसा क्यों करेंगे? न तो उनके (कांग्रेस) पास कोई नेता है, न ही उनके गठबंधन के पास कोई नेता है. लोगों को उनके गठबंधन पर कोई भरोसा नहीं है,”

यह बात उन्होंने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के पिछले महीने एक इंटरव्यू के दौरान ‘विरासत कर’ की हिमायत करने के संदर्भ में कही.

2013 में भाजपा में शामिल होकर राजनीति में कदम रखने से पहले सिंह का आईएएस अधिकारी के रूप में चार दशक का प्रतिष्ठित करियर था. उन्होंने 2011 से 2013 तक केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले दूसरे यूपीए सरकार में केंद्रीय गृह सचिव के रूप में कार्य किया था. 2014 में उन्होंने राजद के भगवान सिंह कुशवाहा को हराकर आरा से जीत हासिल की. सिंह को बाद में मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री नामित किया गया और बाद में केंद्रीय मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया.

सिविल सेवा से राजनीति में आने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ”लोगों से इतना प्यार मिलने के बाद कोई भी व्यक्ति बदल जाएगा.”

“मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग बहुत प्यार देते हैं. जब मैं अधिकारी था तो मेरी छवि एक सख्त आदमी की थी और मैं सख्त था, लेकिन अब यह निर्वाचन क्षेत्र और इस निर्वाचन क्षेत्र के लोग मेरा परिवार बन गए हैं. मुझे उनसे इतना प्यार मिला कि इसने मुझे पूरी तरह बदल दिया.”

बिहार में उनके चुनावी मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर, जहां भाजपा और जदयू गठबंधन में हैं, सिंह ने कहा, “आरा का विकास ही एकमात्र एजेंडा है”.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “हमने पिछले 10 वर्षों में आरा का चेहरा बदल दिया है. मेरी ससुराल आरा में है. हमने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ किया है, राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने से लेकर एक तकनीकी विश्वविद्यालय लाने, अत्याधुनिक सार्वजनिक स्थानों को विकसित करने और लोगों को बिजली उपलब्ध कराने तक. लेकिन हमारे अगले कार्यकाल में अभी कई काम पूरे होने बाकी हैं. हम आरा का चेहरा बदलने के लिए यहां हैं और मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हूं.”


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‘किसी ने मुझसे पक्षपात करने को नहीं कहा’

आरा को वीर कुंवर सिंह के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है, जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका के लिए जाने जाने वाले सैन्य कमांडर थे.

भाजपा ने 2014 में पहली बार यह सीट जीती थी जब सिंह ने कुशवाहा को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था. इस संसदीय क्षेत्र में पहले भी बिहार स्थित मिलिशिया रणवीर सेना और सीपीआई-एमएल के बीच हिंसक टकराव देखा गया है.

कर्पूरी ठाकुर से लेकर मौजूदा नीतीश कुमार तक बिहार के कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम करने के दौरान उनके अनुभवों के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा कि यह उनका “नो-नॉनसेंस ऑफिसर टैग और ईमानदारी” थी जिसने उन्हें हर सीएम के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने में मदद की.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ”किसी ने मुझे उनके पक्ष में काम करने के लिए नहीं कहा.”

उन्होंने कहा, “मैंने कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है. जब मैं एसडीओ बना तो कर्पूरी ठाकुर सीएम थे. जगन्नाथ मिश्र से लेकर लालू प्रसाद तक, मैंने कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है, लेकिन मुझे कभी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. सभी ने मुझे काम करने की छूट दी. सभी मुख्यमंत्री मुझे पसंद करते थे क्योंकि वे जानते थे कि मैंने किसी विशेष जाति या किसी अन्य विचार या किसी के पक्ष में काम नहीं किया.”

सिंह ने आगे कहा, “बिहार में लोग ईमानदार और सख्त नौकरशाहों को पसंद करते हैं.”

“बिहारी लोग ईमानदारी की सराहना करते हैं और यदि आप ईमानदार हैं, तो वे आपसे बहुत प्यार करते हैं.”

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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