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‘थोर’ चन्नी, AAP को ‘चांस’ और SAD कर रही ‘लायर्स एंड ठग्स’ का पर्दाफाश, पंजाब में जारी डिजिटल कैंपेन

पंजाब के डिजिटल प्रचार में चन्नी का ‘थॉर’, केजरिवाल का ‘मौका’ और अकाली दल का ‘ठगों और झूठों’ का भंडाफोड़ चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक रैलियों और रोड शो पर बंदिश लगाई, तो पंजाब में राजनैतिक पार्टियों ने वोटरों तक पहुंचने के लिए डिजिटल राह अपनाई

कुछ सोशल मीडिया कैंपेन का कोलाज । ग्राफिकः मनीषा यादव । दिप्रिंट

चंडीगढ़ : गुस्से से लाल आंखों वाले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी थोर का ‘म्योलनीर’ हथौड़ा उठाए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर बढ़ते हुए पूछते हैं, ‘किथे ने केजरीवाल ते मोदी’ (कहां हैं केजरीवाल और मोदी). केजरीवाल और मोदी दोनों को मार्वेल कॉमिक बुक्स और सिनामाई परदे के खलनायकों की तरह पेश किया गया है. कांग्रेस के 2022 के पंजाब चुनाव अभियान समिति के प्रभारी सुनील जाखड़ जल्दी-जल्दी सिनेमाई पात्र ग्रूट की तरह ‘थोर’ चन्नी की मदद को बढ़ते दिखते हैं, तो पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ‘कैप्टन अमेरिका’ की तरह उनके साथ आ जाते हैं.

‘थोर’ चन्नी ‘खलनायकों’ मोदी और केजरीवाल पर हमला बोलते हैं तो कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ‘ब्लैक पैंथर’ के भेष में और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ‘हल्क’ की तरह खुश होकर नजारा देखते हैं. ‘थोर’ चन्नी एक ही झटके में मोदी और केजरीवाल दोनों को मार डालते हैं, उनके धड़ से अलग सिर पहले से बिखरे पड़े शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता सुखबीर सिंह बादल और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सिरों के साथ लुढ़कने लगते हैं.
यह 34 सेकेंड का वीडियो मीम सोमवार को पंजाब कांग्रेस के आधिकारिक फेसबुक पेज पर जारी किया गया. यह पंजाब में 20 फरवरी के विधानसभा चुनाव मतदान के पहले शुरू हुई डिजिटल प्रचार जंग में सबसे ताजा है.

इस बीच, 2005 की बॉलीवुड फिल्म ‘हे बेबी’ के गाने ‘दिल दा मामला है दिलवर’ की पैरोडी आम आदमी पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर 18 जनवरी को अपलोड की. इसमें सिद्धू और चन्नी के बीच जारी मुख्यमंत्री पद की जंग की हंसी उड़ाई गई है और बुधवार को इसके 7.3 लाख व्यू पार कर चुके थे.

चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक रैलियों और रोड शो पर रोक लगा दी है तो पंजाब में राजनैतिक पार्टियां वोटरों तक पहुंचने के लिए डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल कर रही हैं. इसी के साथ सोशल मीडिया पर पहले से रिकॉर्ड किए गए मैसेज, मीम, वीडियो, पैरोडी और कार्टूनों के जरिए यह काम किया जा रहा है. ज्यादातार कंटेंट पंजाबी में है.

कांग्रेस नेता मोहम्मद मुस्तफा के कथित हेट स्पीच पर बीजेपी का कार्टून.

पार्टियों ने अपने डिजिटल प्रोपेगंडा को बाजारों, नुक्कड़ों और गांवों तक ले जाने के लिए मोबाइल वीडियो वैन को राज्य भर में ले जाने की छूट देने के लिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से भी अपील की है.

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पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी एस. करुणा राजू ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमें विभिन्न राजनैतिक पार्टियों ने अनुरोध किया है कि उन्हें प्रचार के लिए वीडियो वैन की इजाजत दी जाए, जिसकी परमीशन हम दे भी रहे हैं.’

भाजपा और अमरिंदर सिंह की नई पंजाब लोक कांग्रेस इस रोज़ाना हो रही डिजिटल जंग से गायब है. भाजपा का जोर मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताने और कभी-कभार कांग्रेस को ‘हिंदू विरोधी’ बताने पर है.

कांग्रेस की हमलावर रणनीति

पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की ड्रग्स मामले में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की तो कुछ ही घंटों में कांग्रेस ने अपने फेसबुक पेज पर कई वीडियो और खबरें जारी कर दीं, जिसमें विपक्षी नेता के ‘ड्रग्स डीलरों’ के साथ कथित संबंध बताए गए.

मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज करने को चन्नी की बड़ी कामयाबी की तरह पेश की गई है. पंजाब में पांच साल तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस के डिजिटल प्रचार में अभी तक फोकस मोटे तौर पर विरोधियों पर हमले पर ही है. सत्ता विरोधी रुझान से निपटने पर नहीं है.

मजीठिया पर हमले में केजरीवाल की आलोचना भी शामिल है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 2018 में अकाली नेता से उनके खिलाफ ड्रग्स कारोबार में कथित तौर पर शामिल रहने के ‘अपुष्ट’ आरोप लगाने के लिए माफी मांग ली थी.

कांग्रेस के एक दूसरे वीडियो में भाजपा पर किसानों पर अत्याचार और हत्या का दोष मढ़ा गया है. यह अब रद्द किए जा चुके तीन विवादास्पद कानूनों के संदर्भ में है, जिसे मोदी सरकार 2020 में लाई थी और किसानों ने भारी विरोध किया था.


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AAP मांग रही मौका

आप का प्रचार अभियान अकाली दल और कांग्रेस दोनों को खराब तस्वीर पेश करने पर केंद्रित है. वह खुद को पंजाब के हर मर्ज का दवा बता रही है. उसके प्रचार अभियान की बार-बार दोहराई थीम है ‘इक मौका केजरीवाल नू’ (एक मौका केजरीवाल को).

पार्टी की दिल्ली में उपलब्धियां भी पंजाब में उसके प्रचार का हिस्सा है, जहां वह सत्ता में है. पार्टी का दावा है कि उसने राजधानी में अच्छे स्कूल और अस्पातल तैयार किए हैं, जिसके वीडियो खूब जारी किए गए हैं. आप अपना संदेश देने के लिए एनीमेशन और कार्टूनों का भी इस्तेमाल कर रही है.

मंगलवार को पार्टी ने अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे भगवंत मान के एमपी से सीएम उम्मीदवार के सफर का कॉमिक लॉन्च किया.

आम आदमी पार्टी का कैंपेन जिसमें वो दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि जहां दूसरे दलों के पास मनी और पावर है, वहीं उनके सीएम कैंडीडेट्स के पास राज्य की माताओं का आशीर्वाद है.

आप की डिजिटल टीम लगभग हर मिनट सोशल मीडिया पर आकर्षक नारे डालने में व्यस्त है.

कुछ मिसालें:

‘बादल परखे, चन्नी परखे, परख लिए कप्तान, इस वारी परखेंगे संतोज वाला मान’ (बादल को परखा, चन्नी को परखा, कप्तान को परख लिया, इस बार संतोष वाले मान को परखेंगे)

‘ईमानदार दा मजबूत जोड़ है, यह टूटेगा नहीं.. ..केजरीवाल ते भगवंत मान दी यारी, पंजाब नू नंबर इक्क बनाऊं दी तैयारी.. .’ यह पुराने फेविकोल के विज्ञापन से प्रेरित है और मतलब है ‘यह ईमानदारी का जोड़ आसानी से टूट नहीं सकता. मान और केजरीवाल की दोस्ती पंजाब को नंबर एक बनाएगी.’

‘होर लीडर: साडे कोल पैसा है, साडे कोल पॉवर है.. ..भगवंत मान: मेरे कोल मांवां दा आशीर्वाद है.’ मतलब ‘दूसरे नेता: मेरे पास पैसा है, मेरे पास पॉवर है.. ..भगवंत मान: मेरे पास माताओं का आशीर्वाद है.’


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अकाली दल का प्रचार

हालांकि, डिजिटल अभियान के मामले में अकाली दल की सभी प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त लगती है. अक्टूबर में पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर एक शृंखला जारी की- ‘केजरीवाल के 100 झूठ.’ इस अभियान के तहत पार्टी दिल्ली के मुख्यमंत्री का कथित एक झूठ हर रोज जारी करती है.

इस अभियान में 74वां ‘झूठ’ मंगलवार को जारी किया गया, जिसमें दावा है कि केजरीवाल का दिल्ली की कॉलोनियों में सड़कें बनाने और सीवर बिछाने की स्वयंभू ‘उपलब्धि’ का दावा झूठा है.

73वां ‘झूठ’ था केजरीवाल का कथित ऐलान कि वे दिल्ली में 10-15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगा देंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कभी ऐसा ऐलान करने से इनकार किया है लेकिन अकाली दल ने ‘दावे’ के पक्ष में ‘वीडियो प्रूफ’ जारी किया.

पार्टी ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर कार्टून शो सियाआपा भी जारी किया है (पंजाब में सियापा का मतलब समस्या है).

केजरीवाल के कथित झूठ के जाल पर शिरोमणि अकाली दल का कार्टून

दो हिस्सों में एक और शृंखला ‘द ठग्स ऑफ पंजाब’ 7 जनवरी को जारी की गई. इसमें कई कांग्रेस नेताओं पर निशाना है.
पार्टी का अभियान मोटे तौर पर कांग्रेस और आप दोनों को बाहरियों की पार्टियां बताने पर है, यानी मोटे तौर पर दिल्ली के नेताओं की अगुआई वाली पार्टियां. वह खुद को अपनी धरती की पार्टी कहती है, जो पंजाब को करीने से समझती है.

अकाली दल ने डिजिटल अभियान में छह बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अगुआई में अपने करीब 100 साल के इतिहास (पार्टी की शुरुआत 1920 में हुई) और उपलब्धियों पर भी फोकस किया है.

पार्टियों के चेहरे

पार्टियों की डिजिटल रणनीति में अपने केंद्रीय और उम्मीदवारों के चेहरे पर भी जोर है. कांग्रेस के डिजिटल अभियान में चन्नी का दबदबा है, आप के अभियान के हीरो केजरीवाल और हाल में भगवंत मान हैं, जबकि अकाली दल सुखबीर सिंह बादल के आसरे है.

ह्वाट्सऐप ग्रुपों पर उनके इंटरव्यू और प्रेस कॉन्फ्रेंसों के क्लिप की बाढ़़ है, लेकिन चन्नी का गुणगान म्युजिक वीडियो में भी किया गया है, जिसमें उन्हें लोगों से मिलते, सभाओं में भाषण देते दिखाया गया है और उन्हें पंजाब की इकलौती उम्मीद की तरह पेश किया गया है. इस बीच, अकाली दल ने वीडियो ‘साडा वीर सुखबीर’ जारी किया है.

केजरीवाल ने भी पिछले महीने पंजाब के लिए अपना गीत जारी किया. हालांकि 18 जनवरी को मान को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद डिजिटल फोकस बड़े पैमाने पर उनकी ओर हो गया. चन्नी की स्टाइल की नकल करके मान को एक साधारण पृष्ठभूमि का नेता बताया गया, जो लोगों से मिलने, ढाबे में खाना खाने और लोगों को संबोधित करने में खुश रहता है.

कांग्रेस गांवों और वार्डों के लिए खास कंटेंट भी ला रही है और इन वीडियोज़ को उन इलाकों के ह्वाटसऐप ग्रुप पर डाल रही है. मसलन, एक वीडियो में कांग्रेस के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह जीपी को अपने विधानसभा हलके बस्सी पठाना के बादली गांव में विकास कार्य में जुड़े दिखाया गया है.

एक दूसरे में बठिंडा से कांग्रेस उम्मीदवार वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को अपने इलाके में काम का ब्यौरा देते दिखाया गया है.

अमृतसर दक्षिण से कांग्रेस के उम्मीदवार इंदरबीर बोलारिया ने वार्ड नंबर 38 के लोगों के लिए ही वीडियो जारी किया.
इन सोशल मीडिया अभियान पर लोगों की प्रतिक्रिया मिलीजुली है. कंटेंट के मुताबिक, विभन्न पार्टियों के समर्थक इसे सराहते हैं या अनदेखा कर देते हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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