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बंगाल के तारकेश्वर से BJP उम्मीदवार बनने के बाद स्वपन दासगुप्ता को राज्यसभा से देना पड़ा इस्तीफा

स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट किया है, 'मैंने एक बेहतर बंगाल के लिए खुद को समर्पित करते हुए आज राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. मैं उम्मीद करता हूं कि बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कुछ दिनों में अपना नामंकन फाइल करूंगा.

स्वपन दासगुप्ता राज्यसभा से इस्तीफे के बाद मीडिया से बात करते हुए.

नई दिल्ली : राज्यसभा के मनोनीत सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने बंगाल चुनाव बीजेपी का उम्मीदवार घोषित कि जाने पर सदन से इस्तीफा दे दिया. उनका इस्तीफा सदन के चेयरमैन को भेज दिया गया है, जिसे अभी स्वीकार किया जाना है.

इससे पहले तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि दासगुप्ता ने भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है.

 

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स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट किया है, ‘मैंने एक बेहतर बंगाल के लिए खुद को समर्पित करते हुए आज राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. मैं उम्मीद करता हूं कि बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कुछ दिनों में अपना नामंकन फाइल करूंगा.’

दासगुप्ता अप्रैल, 2016 में राज्यसभा सदस्य बने था और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें तारकेश्वर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.

सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया और कहा है कि इसे बुधवार से प्रभावी माना जाए.

इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर दासगुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ‘मैंने हमेशा कहा है कि नामांकन पत्र (पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए) दाखिल करने से पहले जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, वे उठाए जाएंगे.’

राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल अप्रैल 2022 तक था.

तृणमूल सदस्य मोहुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि दासगुप्ता बंगाल चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि संविधान की 10 वीं अनुसूची के अनुसार, अगर कोई मनोनीत सदस्य शपथ लेने के छह महीने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है.

मोइत्रा के अनुसार, ‘दासगुप्ता ने अप्रैल 2016 को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली थी… भाजपा में शामिल होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.’

इस बीच दासगुप्ता ने एक ट्वीट कर कहा, ‘मैंने बेहतर बंगाल की लड़ाई में अपने आप को समर्पित करने के लिए राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.’

पश्चिम बंगाल में 8 चरण में चुनाव कराए जाएंगे. 2 मई 2020 को पांचों राज्यों में चुनाव के नतीजे आएंगे. पहले चरण के लिए 27 मार्च को चुनाव होंगे. इसमें पुरुलिया, बांकुरा, झारग्राम, पश्चिम मिदनापुर (पार्ट 1), पूर्व मिदनापुर (पार्ट 1) में चुनाव होंगे.

दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को चुनाव होंगे. इसमें बांकुरा (पार्ट 2), पश्चिम मिदनापुर (पार्ट 2), पूर्व मिदनापुर (पार्ट 2), साउथ परगना (पार्ट 1) जिले शामिल हैं.

तीसरे चरण के 31 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. चौथे चरण के 44 सीटों पर 10 अप्रैल को मतदान होगा. इसमें हावड़ा (पार्ट 2), हुगली (पार्ट 2), साउथ परगना (पार्ट 3), अलीपुर द्वार, कूच बिहार में चुनाव होंगे.

बता दें कि विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सबसे ज्यादा चर्चा में पश्चिम बंगाल बना हुआ है. यहां पर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच टक्कर है. पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 294 सीटों में से टीएमसी को 211 सीटें व बीजेपी को 3 सीटें मिली थी. वहीं 2011 के चुनावों की बात करें तो टीएमसी को 184 सीटें, कांग्रेस को 42 सीटें और बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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