नई दिल्ली: महाराष्ट्र के शिवेसना के बागी विधायकों को केंद्र की ओर से ‘वाई प्लस’ सुरक्षा दिए जाने के बाद सोमवार को पार्टी ने दावा किया कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही यह सब ‘तमाशा’ कर रही है.
शिवेसना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले पार्टी के बागी विधायकों पर आरोप लगाया गया है कि वे 50-50 करोड़ रुपये में ‘बिक’ गए हैं.
केंद्र सरकार ने रविवार को शिवसेना के कम से कम 15 विद्रोही विधायकों को सीआरपीएफ कमांडो के घेरे वाली ‘वाई प्लस’ सुरक्षा प्रदान की. अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी थी.
उन्होंने बताया था कि जिन विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है, उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवाने, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य विधायक शामिल हैं.
अधिकारियों ने कहा था कि महाराष्ट्र में रह रहे उनके परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं
हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.
अधिकारियों के अनुसार, विधायकों के महाराष्ट्र लौटने के बाद प्रत्येक पाली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लगभग चार से पांच कमांडो उनकी सुरक्षा करेंगे.
‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, ‘भाजपा अंतत: बेनकाब हो गई. वे कह रहे हैं कि शिवसेना में विद्रोह आंतरिक मामला है.’
संपादकीय में दावा किया गया है, ‘वडोदरा में एकदास (एकनाथ) शिंदे और देवेंद्र फड़णवीस की गुप्त बैठक हुई थी. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.’
संपादकीय में कहा गया है कि केंद्र ने बैठक के तत्काल बाद बागी विधायकों को ‘वाई प्लस’ सुरक्षा प्रदान कर दी, जैसे कि वे ”लोकतंत्र के रक्षक” हों.
‘सामना’ में पूछा गया है कि क्या केंद्र सरकार को इस बात का डर था कि वे राज्य में वापस आने के बाद अपनी पार्टी में लौट जाएंगे?
संपादकीय में कहा गया है, ‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र और राज्य के भाजपा नेताओं ने ही इन अभिनेताओं (विद्रोही विधायकों) के लिए पटकथा लिखी है और वह पूरे तमाशे का निर्देशन कर रहे हैं.’
पार्टी ने दावा किया कि बागी विधायकों को वाई प्लस सुरक्षा मुहैया कराकर महाराष्ट्र के खिलाफ भाजपा की ”गद्दारी” का पर्दाफाश हो गया है.
यह भी पढ़ें: ‘जिताऊ उम्मीदवारों’ की बीमारी के राष्ट्रपति चुनाव तक आ पहुंचने के मायने