होम राजनीति ‘सच्चे हिंदुत्व’ का नाम लेकर मैदान में शिवसेना; BJP, MNS से मुकाबला...

‘सच्चे हिंदुत्व’ का नाम लेकर मैदान में शिवसेना; BJP, MNS से मुकाबला करने को मुंबई में करेगी महा रैली

शिवसेना की यह रैली शनिवार शाम मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स मैदान में होगी. पार्टी को उम्मीद है कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे संबोधित किये जाने वाले इस कार्यक्रम में लाखों लोग शामिल होंगे.

शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की फाइल फोटो | एएनआई

मुंबई: शिवसेना ने शनिवार को मुंबई में एक महारैली के माध्यम से अपनी ताकत का एक भव्य प्रदर्शन करने की योजना बनाई है.यह रैली अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ इस बात को लेकर मची होड़ का नतीजा है कि किसके पास ‘सच्चा हिंदुत्व’ है.शिवसेना इसे ‘सच्चे हिंदुत्व की गर्जना’ के नाम से पेश कर रही है.

शिवसेना ने एक टीज़र कैंपेन (लोगों को लुभाने के लिए किया गया संक्षिप्त प्रचार अभियान) के जरिए इस रैली के पहले के प्रचार का काम किया है, जिसमें इस बात पर संदेशों की एक सीरीज शामिल है कि कैसे वर्तमान शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा उनके बेटे आदित्य ठाकरे पार्टी के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे से अलग नहीं हैं, और कैसे शिवसेना का हिंदुत्व ही ‘असली’ है.

इस रैली के बारे में उद्धव ने कहा है कि वह इसके द्वारा ‘नकली’ हिंदुत्व विचारधारा को बढ़ावा देने वाले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को ‘बेनकाब’ करने की योजना बना रहा है. यह रैली, ऐसे समय में हो रही है जब मनसे – जो उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी है – और भाजपा ने हिंदुत्व के प्रचार अभियान को कुछ हद तक ऊपर उठा दिया है.

शिवसेना की विधान परिषद सदस्य मनीषा कायंडे ने दिप्रिंट को बताया, ‘विपक्ष की ओर से शिवसेना पर जो तीखा हमला हो रहा है, वह सीधे शिवसेना अध्यक्ष उद्धवजी ठाकरे के खिलाफ है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें इन झूठे आरोपों का जवाब देने की जरूरत है कि शिवसेना हिंदुत्व और बालासाहेब की विचारधारा से दूर चली गई है क्योंकि हम अब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा हैं.’

यह सब तब हो रहा है जब दोनों विपक्षी दलों ने पिछले महीने बारी-बारी से उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना पर महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में इसकी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद से पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के आदर्शों को ‘भूल’ जाने का आरोप लगाया था.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इसके बाद से, मनसे उनके अपने प्रमुख राज ठाकरे – जो बाल ठाकरे के भतीजे है – के बीच समानता को उजागर करने और उन्हें उनके ‘सच्चे उत्तराधिकारी’ के रूप में पेश करने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रही है.

सेना की रैली इस महीने हुई दो अन्य महत्वपूर्ण रैलियों (दोनों 1 मई को आयोजित) के बाद हो रहीं है. राज की रैली सेना के गढ़ औरंगाबाद में हुई जहां उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों को अज़ान की आवाज़ को दबा देने के लिए मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाने के लिए कहा, वहीँ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की रैली मुंबई में हुई जहां उन्होंने दावा किया कि 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय वहां शिवसेना का कोई नेता मौजूद नहीं था.

शिवसेना की शनिवार की रैली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस साल के अंत में मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में होने वाले बड़े निकाय चुनावों के लिए टोन सेट करती है. यह रैली पार्टी के ‘शिव संपर्क अभियान’ – मतदाताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुंच बनाने के शिवसेना के आउटरीच कार्यक्रम – के दूसरे चरण की शुरुआत भी करेगी.

पहले चरण में, पार्टी के सांसदों ने पुरे महाराष्ट्र का दौरा किया, और इस साल की शुरुआत में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं. शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि दूसरे चरण में, अब स्वयं उद्धव ठाकरे के द्वारा पार्टी के विस्तार के लिए पूरे महाराष्ट्र की यात्रा करने की उम्मीद है.

टीज़र कैम्पेन

शिवसेना ने अपनी आगामी रैली का प्रचार करने के लिए सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्टर और वीडियो जारी किये हैं और इसके साथ इसने ही विपक्ष की इस आलोचना का सीधा मुकाबला किया है कि शिवसेना का वर्तमान नेतृत्व हिंदुत्व के प्रतीक बाल ठाकरे के आदर्शों से भटक रहा है.

पहला पोस्टर, जिसमें बाल ठाकरे अपनी मुट्ठी भीचें हुए दिखाई दे रहे हैं, में लिखा है: ‘खरिया हिंदुत्व चा हुंकार एकायला येलच पहिले (आपको सच्चे हिंदुत्व की गर्जना सुनने के लिए अवश्य आना चाहिए).

इसी तरह, पहला वीडियो टीज़र बाल ठाकरे के एक पुराने भाषण से शुरू होता है जिसमें वह कहते हैं कि वह पार्टी प्रमुख हो सकते हैं लेकिन उनकी असली ताकत कई सारे शिव सैनिकों का समर्थन है. उसके बाद इसमें एक संदेश दिया गया है, ‘जिन लोगों ने साहेब (बाल ठाकरे) में अपना विश्वास बनाये रखा है, उन्हें सच्चे हिंदुत्व की गर्जना सुनने के लिए आना चाहिए.’

दूसरे टीज़र में बाल ठाकरे के वीडियो की तुलना उनके बेटे के वीडियो के साथ की गयी है.

तीसरे टीज़र की शुरुआत शिवसैनिकों की इस घोषणा के साथ  होती है कि मुंबई उनके ‘साहेब’ की है और किसी की ‘बाप की संपत्ति’ नहीं है. आगे यह उद्धव और आदित्य ठाकरे की तस्वीरों की तुलना बाल ठाकरे के साथ करता है और पृष्ठभूमि में उद्धव ठाकरे की आवाज में कहा गया है, ‘बदमाशी पर कैसे काबू पाया जाए, यह शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने हमें हिंदुत्व की भाषा में सिखाया है.’

दो साल में पहली जनसभा

पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद यह पहली बार होगा जब शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे किसी जनसभा को संबोधित करेंगे.

शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘ वैश्विक महामारी और उद्धवसाहेब के नाजुक स्वास्थ्य के कारण, शिवसैनिकों ने लंबे समय से किसी सार्वजनिक रैली में अपने पार्टी अध्यक्ष को नहीं सुना है. उन्होंने केवल ऑनलाइन ब्रीफिंग के माध्यम से या एक समय में 100-200 लोगों के छोटे श्रोता समूहों के माध्यम से ही शिव सैनिकों को संबोधित किया. इसलिए उद्धव साहब क्या कहेंगे इसको लेकर काफी उत्सुकता है.’

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना को उम्मीद है कि शनिवार शाम मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स मैदान में होने वाली उसकी इस रैली में पूरे महाराष्ट्र से 2-3 लाख लोगों (शिव सैनिकों) की भीड़ जुटेगी.

पार्टी के पदाधिकारी ने कहा, ‘हम जमीनी स्तर की बैठकें करते रहे हैं, और लोगों को संगठित करने के लिए घर-घर जाकर भी संपर्क कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग हमारी शाखाओं में भी आ रहे हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि शनिवार की रैली में शिवसेना की हर शाखा से कम-से-कम 1,000 कार्यकर्ताओं और निष्ठावनों को शामिल किया जाए.‘

शिवसेना की ‘शाखा’ पार्टी की वे इकाइयां होती हैं जो सांगठन के पदानुक्रम में सबसे नीचे और जमीनी स्तर के सबसे करीब होती हैं. मुंबई के सभी 227 पार्षद वार्डों में से प्रत्येक में पार्टी की एक शाखा है.

शिवसेना की ‘रेल कामगार सेना’ रेलवे कर्मचारियों के लिए बनाया गया पार्टी का संगठन है, इसने भी मध्य रेलवे को रैली के दिन मरम्मत और रखरखाव के लिए मुंबई की उपनगरीय लाइनों पर किसी भी मेगा ब्लॉक (बड़ी रूकावट) से बचने के लिए कहा है.

(इस खबर को अग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें-‘कांग्रेस मुक्त’ भारत नहीं होगाः इस एक लक्ष्य के साथ आज से कांग्रेस का ‘चिंतन शिविर’ शुरू


 

Exit mobile version