श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है. गिलानी एक ऑडियो क्लिप जारी कर कहा है कि उन्होंने अपने फैसले के बारे में सभी को जानकारी दे दी है और जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात को देखते हुए ही उन्होंने यह कदम उठाया है. हालांकि गिलानी ने ऑडियो क्लिप के अलावा दो पन्नों का एक पत्र भी लिखा है.
जम्मू कश्मीर के अलगाव की बात करने वाले अलगाववादी नेता गिलानी ने हुर्रियत कांफ्रेंस से अपना 28 साल पुराना नाता तोड़ा है.
गिलानी 1993 से हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े हुए थे और 2003 में उन्हें कांफ्रेंस के लाइफ-टाइम चेयरमैन के रूप में घोषित कर दिया गया था. हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे की कोई खास वजह नहीं बताई है .
प्रेस को दिए बयान और ऑडियो मैसेज में गिलानी ने कहा है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को देखते हुए कांफ्रेंस से दूरी बनाने का निर्णय लिया है.
Gilani resigned from Hurriyat pic.twitter.com/N6A5uuHyFh
— Ram Madhav (@rammadhavbjp) June 29, 2020
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हालांकि कि इस बाबत पार्टी के नेताओं को उन्होंने दो पन्नों का खत भी लिखा है.
खबर तो यह भी है कि 75 वर्षीय गिलानी की तबियत पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं चल रही है हालांकि उनका स्वास्थ्य दवा के अनुसार स्थिर बनी हुई है.
कुल जमाती हुर्रियत कांफ्रेंस 23 अलग अलग पार्टियों का गठबंधन है. इसके बड़े नेताओं में मीरवाइज उमर फारूक, सैयद अली शाह गिलानी, यासिन मलिक शामिल हैं.