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संजय राउत ने शिवाजी महाराज का ‘अपमान’ करने के लिए कोश्यारी का इस्तीफा मांगा, शिंदे पर भी साधा निशाना

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने टिप्पणी की थी कि शिवाजी महाराज एक 'पुरानी मूर्ति' बन गए हैं और लोग बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी को नए आदर्श बना सकते हैं.

छत्रपति शिवाजी की एक प्रतिमा की फाइल फोटो | कॉमन्स

नई दिल्ली: शिवसेना (उद्धव) नेता संजय राउत ने रविवार को छत्रपति शिवाजी महाराज पर एक ‘पुरानी मूर्ति’ टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाने की मांग की. वहीं. इस मामले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की भी मांग की है.

राउत ने शिंदे पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या उनके पास ‘स्वाभिमान’ बचा है ? यह बयान महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा शनिवार को मराठा शासक को ‘पुरानी मूर्ती’ कहकर विवाद खड़ा करने के बाद आया है.

इस मुद्दे पर खामोशी इख्तियार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए राउत ने कहा, ‘राज्यपाल ने एक साल में चार बार शिवाजी महाराज का अपमान किया है. फिर भी, सरकार चुप है. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शिवाजी महाराज को एक आदर्श मानते हैं और उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से पांच बार माफी मांगी थी. क्या यह बीजेपी का आधिकारिक स्टैंड है? बीजेपी को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए और राज्यपाल को तुरंत हटाना चाहिए.’

राउत ने बीजेपी पर खुलेआम शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सीएम शिंदे से अपने पद से हटने की मांग की.

उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि जिस मुख्यमंत्री ने स्वाभिमान का नारा दिया और शिवसेना को तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, आपका स्वाभिमान अब कहां गया? बीजेपी खुलेआम शिवाजी महाराज का अपमान कर रही है. आपको इस्तीफा दे देना चाहिए. अगर आपके मन में शिवाजी महाराज के लिए सम्मान है, तो आप उनके साथ सरकार में क्यों हैं?’

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इससे पहले शनिवार को राउत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था कि पार्टी वीर सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी का विरोध कर रही है और उन्हें अब राजभवन के खिलाफ विरोध करना चाहिए.

राउत ने कहा, ‘उनका बयान महाराष्ट्र और शिवाजी महाराज का अपमान है. वीर सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी के खिलाफ भाजपा विरोध प्रदर्शन कर रही है. वे जूते मार रहे हैं. अब जूते राजभवन में जाने चाहिए जहां से शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी की जा रही है. तुम महाराष्ट्र के बेटे हो, नहीं तो तुम नकली हो.’

औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने टिप्पणी की थी कि शिवाजी महाराज एक ‘पुरानी मूर्ति’ बन गए हैं और लोग बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी को नए आदर्श बना सकते हैं.

उन्होंने कहा था, ‘अगर कोई पूछता है कि आपकी मूर्ति कौन है, तो आपको उसकी तलाश में बाहर जाने की जरूरत नहीं है. आप उन्हें यहीं महाराष्ट्र में पाएंगे. छत्रपति शिवाजी महाराज अब एक पुरानी मूर्ति बन गए हैं, आप नई मूर्ति पा सकते हैं – बाबासाहेब अंबेडकर से नितिन गडकरी तक.’

महाराष्ट्र में मराठा योद्धा पर राज्यपाल की टिप्पणी नेताओं को रास नहीं आ रही है. शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के एक प्रवक्ता ने राज्यपाल के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वह महान नेताओं का अनादर करने के लिए जाने जाते हैं.

उद्धव सेना के एक प्रवक्ता आनंद दुबे ने एक बयान में कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज न सिर्फ हमारे देवता हैं, बल्कि हमारे प्रेरणा स्रोत भी हैं. वह हमेशा हम सभी के आदर्श रहेंगे.’

दुबे ने कहा, ‘राज्यपाल के बयानों के अनुसार, भगवान राम और भगवान कृष्ण भी पुरानी मूर्तियां बन गए हैं. क्या हमें अब पूजा करने के लिए नए देवताओं को खोजना चाहिए?’


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