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पत्नी वर्षा को मिले ED के सम्मन पर बोले संजय राउत- यह सिर्फ राजनीति है, BJP को भी तैयार रहना चाहिए

संजय राउत ने पत्नी को भेजे गए ईडी के सम्मन को 'राजनीति से प्रेरित' बताया और शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लंबा चौड़ा लेख भी लिखा है.

संजय राउत | फाइल फोटो

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 29 दिसम्बर को तलब किया है.

वर्षा राउत को मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. यह उनको पेश होने के लिए जारी तीसरा समन है, इससे पहले वह दो बार स्वास्थ्य आधार पर एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुई हैं.

पूछताछ के लिए उन्हें समन धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है.

संजय राउत की पत्नी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के नोटिस पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ‘जो भी कोई भाजपा और उनके नेता के खिलाफ बोलेगा उसके पीछे ED, CBI लगाना। ED का इस तरह से इस्तेमाल महाराष्ट्र में कभी नहीं देखा गया.’

पत्नी को सम्मन मिलने के बाद संजय राउत ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘आ देखें जरा किसमें कितना है दम, जम के रखना कदम मेरे साथिया…’ वहीं राउत ने मीडिया से बातचीत  के दौरान इस सम्मन को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया और शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लंबा चौड़ा लेख भी लिखा है.

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संजय ने सामना में लिखा है, ‘प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर कोई क्यों तंज कसेगा? उनके पास बहुमत है. उनकी सत्ता बहुमत पर चल रही है. जब तक सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग उनकी बहुमत के रखवाले हैं तब तक उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं इसलिए किसी के कुछ बोले जाने और तंज की चिंता क्यों करते हो?’

अपने लेख में राउत ने लिखा है कि मोदी विश्व स्तर के बड़े नेता हैं इसलिए राहुल गांधी द्वारा बोली गई किसी भी बात को उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. वह आगे लिखते हैं, ‘राहुल गांधी पर इनलोगों ने  पिछले छह वर्षों में इन लोगों ने जितने ताने मारे हैं और तंज कसे हैं, उसको अगर इकट्ठा किया गया तो बड़ा ग्रंथ बन सकता है.’

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बीजेपी से पूछा है कि राहुल गांधी अगर पप्पू हैं तो उनके कुछ भी बोलने पर लोग तिलमिला क्यों जाते हैं? पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को लेकर जिस भाषा का प्रयोग किया जा रहा है, उसे क्या कहा जाए? शरद पवार जैसे नेता पर भी ये लोग कटाक्ष करते हैं.


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2 का पहाड़ा और राजनीति

लेख में राजनीति में दो के पहाड़ा भी गिनाया है और कहा, ‘राजनीति में दो देकर दो लेना चलता रहता है. लेकिन भाजपा की ताकत बड़ी ताकतवाली पार्टी है तो तुम चार दो. लेकिन कभी तो दो देना पड़ेगा और सत्ताधीशों को इसकी तैयारी रखनी होगी.’

उन्होंने लिखा है,  ‘मोदी सरकार का भाग्य ऐसा है कि आज विरोधी दल में मधु लिमये, मधु दंडवते, लोहिया और जनेश्वर मिश्र नहीं हैं. चंद्रशेखर, लालू यादव और येचुरी भी नहीं हैं. नहीं तो तंज क्या होता है यह उन्हें भली-भांति पता चलता. सत्ता मिली है उसे ठीक से चलाओ! भेंड़ों पर राज करना आसान होता है.

अपने लेख में राउत ने कहा है, ‘ मोदी ‘मन की बात’ के माध्यम से आकाशवाणी करते हैं इसलिए उनके पास मन भी है. मोदी ने अपना दुख लोगों के समक्ष रखा है. उनका कहना है कि दिल्ली के कुछ लोग मुझ पर तंज कसते रहते हैं और मेरा अपमान करते हैं. उन्हें मुझे लोकतंत्र का सबक सिखाना है, मोदी ने ऐसा कहा है जो कि धक्कादायक है.’

‘ हमारे प्रधानमंत्री का अपमान कौन कर रहा है? प्रधानमंत्री का अपमान करनेवाला प्रबल विरोधी पक्ष वर्तमान सत्ताधीशों ने बाकी रखा है क्या? एक तरफ भाजपा के नेता कहते हैं कि कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व को हम गंभीरता से नहीं लेते और उसी समय कहते हैं कि राहुल गांधी हमारा अपमान करते हैं, यह बड़े मजे की बात है. सकारात्मक टीका करना और सरकार के झूठ पर बोलने को नेता अपमान कहते होंगे तो समझो कि लोकतंत्र का अंत करीब आ चुका है.’

किसानों के आंदोलन पर भी संजय राउत ने पूछा है कि क्या किसानों का आक्रोश लोकतंत्र की आवाज नहीं है, पहले इन सवालों का जवाब दो.

 

बैंक से गबन, रसीद और वर्षा राउत

आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि ईडी वर्षा राउत से उस राशि की ‘रसीद’ के बारे में पूछताछ करना चाहता है जिसका कथित तौर पर बैंक से गबन किया गया था.

ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए हाउजिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल), उसके प्रमोटर राकेश कुमार वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन, उसके पूर्व अध्यक्ष वी. सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस के खिलाफ पीएमएलए के एक मामला दर्ज किया था.

एजेंसी ने पीएमसी बैंक को कथित रूप से ‘‘प्रथम दृष्टया गलत तरीके से 4,355 करोड़ रुपये का नुकसान और खुद को लाभ’ पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था.

राकांपा और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महागठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हिस्सा शिवसेना, ने पहले आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां ​​उन्हें गलत तरीके से निशाना बना रही हैं.

हाल ही में शरद पवार की पार्टी राकांपा में शामिल हुए भाजपा के पूर्व नेता एकनाथ खडसे को भी ईडी ने पुणे के भोसरी इलाके में एक भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन मामले के संबंध में 30 दिसंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है.


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