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RLD-SP ने बिना आपराधिक पृष्ठभूमि और ‘जीतने की क्षमता’ वाले उम्मीदवारों को दिया मौका

गठबंधन ने 29 सीटों में से सिर्फ एक पर महिला उम्मीदवार की घोषणा की है. आरएलडी ने अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट बालदेव निर्वाचन क्षेत्र से बबीता देवी को चुनावी मुकाबले में उतारा है.

अखिलेश के आवास पर मिलते राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी | फोटो- अखिलेश यादव के ट्विटर हैंडल से.

नोएडा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और सहयोगी समाजवादी पार्टी (एसपी) ने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर दी है.आरएलडी ने जहां निर्वाचन क्षेत्र के उन शिक्षित उम्मीदवारों को चुना है, जिनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है. वहीं, एसपी ने ‘जीतने की क्षमता’ के आधार पर प्रत्याशियों को मौका दिया है.

बता दें कि एसपी और आरएलडी ने पिछले साल गठबंधन की घोषणा की थी. गठबंधन ने गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 29 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, जहां 10 फरवरी को मतदान होगा. इसके तहत एसपी ने 10 सीटों पर और आरएलडी ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

मुजफ्फरनगर, शामली, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद जैसे जिलों की इन सीटों में से ज्यादातर पर 2017 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी लेकिन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन और बदलते जाति समीकरणों का काफी प्रभाव पड़ा है.

आरएलडी के प्रवक्ता संदीप चौधरी ने कहा, ‘टिकट वितरण में उम्मीदवार की पृष्ठभूमि पर गौर किया गया है. आरएलडी के घोषित उम्मीदवारों में से किसी की भी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है. वो सभी शिक्षित और योग्य उम्मीदवार हैं जिनका अपने क्षेत्र के लोगों में अच्छी पैठ है. हमारा कोई उम्मीदवार बाहरी नहीं है. सभी उस विधानसभा सीट के हैं जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं.’

चौधरी ने कहा कि हाल के महीनों में पार्टी नेताओं ने प्रचार अभियान और पंचायतों का आयोजन किया और ‘जनता से मिली सूचना’ के आधार पर निर्णय लिया है. चौधरी ने यह भी रेखांकित किया कि मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के हालिया आंदोलन ने उत्तर प्रदेश में, विशेष रूप से पश्चिमी क्षेत्र में भाजपा की संभावनाओं को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, ‘किसान दुखी हैं. मुस्लिम समुदाय भी बीजेपी से नाखुश है. लोगों को बीजेपी के झूठे वादों का पता चल चुका है.’

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एसपी के प्रवक्ता अब्बास हैदर ने कहा कि उनकी पार्टी और आरएलडी के गठबंधन का उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में ‘निश्चित प्रभाव’ है. टिकट बंटवारे पर हैदर ने कहा, ‘गठबंधन में टिकट बटवारे के लिए उम्मीदवार की जीत की क्षमता पहला मानदंड है. टिकट बटवारे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को भी ध्यान में रखा जा रहा है.’ हैदर ने दावा किया, ‘क्षेत्र में माहौल बीजेपी के खिलाफ है और यह साफ है कि सभी क्षेत्रों के लोग सपा-रालोद गठबंधन के समर्थन में सामने आए हैं.’

एसपी-आरएलडी गठबंधन ने गुरुवार को जिन 29 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की उनमें से एसपी के नाहिद हसन ने पिछले चुनाव में कैराना से और रफीक अंसारी ने मेरठ से जीत हासिल की थी और पार्टी ने इस बार भी दोनों को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है. सहेंद्र सिंह रमाला आरएलडी के इकलौते उम्मीदवार थे जिन्होंने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी. रमाला बागपत जिले की छपरौली सीट से जीते थे. आरएलडी ने इस सीट के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा अभी नहीं की है.

गठबंधन ने 29 सीटों में से सिर्फ एक पर महिला उम्मीदवार की घोषणा की है. आरएलडी ने अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट बालदेव निर्वाचन क्षेत्र से बबीता देवी को चुनावी मुकाबले में उतारा है.


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