होम राजनीति राजद अपनाएगा ‘एकला चलो’ नीति, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठंधन में...

राजद अपनाएगा ‘एकला चलो’ नीति, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठंधन में दिख रहा मनमुटाव

मांझी ने शनिवार को अपने आवास पर महागठबंधन के अन्य घटक दलों राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा और वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी से मुलाकात की है.

news on politics
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के साथ, फाइल फोटो.

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तथा पांच दलों वाले महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर ‘एकला चलो’ की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए आशंका जतायी कि इससे इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में, सत्तारूढ़ राजग का कड़ा मुकाबला करने की विपक्ष की कोशिशें कमजोर होंगी.

मांझी ने यहां अपने आधिकारिक आवास पर महागठबंधन के अन्य घटक दलों राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा और वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी से मुलाकात की, जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं.

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को एक वर्चुअल रैली कर भाजपा की ओर से चुनावी बिगुल फूंकने वाले हैं, ऐसे में मांझी ने इसी दिन प्रस्तावित राजद के ‘थाली बजाओ’ कार्यक्रम पर भी सवाल उठाए हैं.

हालांकि मांझी ने महागठबंधन में किसी भी तरह की अनबन से इनकार किया है.

उन्होंने कहा, ‘महागठबंधन अटूट है. विपक्षी दलों के नेता और जो गठबंधन में शामिल नहीं है, वे भी एक दूसरे से मिलते रहते हैं. लिहाजा इसे लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं है.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

मांझी ने कहा कि राजद ने ‘एकला चलो’ की नीति अपनाई है और इस मुद्दे पर बैठक में चर्चा की गई है, क्योंकि इससे राजग नीत केन्द्र सरकार को चुनौती देने में मुश्किलें आ सकती हैं.

उन्होंने कहा, ‘केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य में नीतीश कुमार की सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है. अगर हम एकजुट होकर मुकाबला करने में नाकाम रहते हैं तो हम एक अच्छा अवसर को खो देंगे.’

मांझी ने कहा , ‘राजद ने अमित शाह की रैली के विरोध में रविवार को थालियां बजाने का फैसला किया है. इस तरह की नाटकीयता को लोग ज्यादा पसंद नहीं करते. पार्टी ने गठबंधन के अन्य सहयोगियों को साथ लिया होता और एक आम रणनीति तैयार की होती, तो यह कहीं अधिक प्रभावी साबित होता .’

1 टिप्पणी

  1. राजद को अकेले hi चुनाव लड़ना चाहिए , किसी के बहकावे में नही आना चाहिए , हाँ किसी सीट पर आपसी समझ से उम्मीदवार उतार सकते हैं लेकिन गठबंधन नही करना चाहिए

Comments are closed.

Exit mobile version