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कमजोर पड़ रहे गठबंधन पर लालू यादव ने कहा -2020 में कांग्रेस हारी थी इसलिए RJD बिहार चुनाव हारी

दिप्रिंट के साथ विस्तार से बातचीत करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मेरे सहयोगी दल कांग्रेस के पास अब पर्याप्त वोट नहीं हैं, इसकी वजह से अब गठबंधन चलाना मुश्किल है.

राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे और पार्टी नेता तेजस्वी यादव की एक फाइल फोटो। | फोटो: एएनआई

पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी इसलिए हारी थी, क्योंकि कांग्रेस हारी थी. आरजेडी सुप्रीमो का यह बयान इस बात का संकेत है कि दोनों सहयोगी दलों के बीच सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है.

दिप्रिंट के साथ विस्तार से बातचीत करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मेरे सहयोगी दल कांग्रेस के पास अब पर्याप्त वोट नहीं हैं, इसकी वजह से अब गठबंधन चलाना मुश्किल है.

यह बात उन्होंने अपने बेटे तेजस्वी यादव की उपस्थिति में कही.

हमने कांग्रेस को 70 सीटें दी थीं लेकिन वे हार गए जिसके चलते हमें भी हारना पड़ा. कांग्रेस के पास अब वोट ही नहीं है.
हालांकि, आरजेडी सुप्रीमो ने दोनों पार्टी के भविष्य में होने वाले किसी भी गठबंधन पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि भविष्य की बात भविष्य में देखी जाएगी.

आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन साल 2000 से गठबंधन में हैं. अगर दोनों पार्टियों के हाल के निर्णयों को देखें, तो इसमें दरार पड़ती नज़र आ रही है. सिर्फ 2009 में ही लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने अकेले दम पर चुनाव लड़ा था.

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दिसंबर 2021 में दो सीटों पर हुए मध्यावधि विधान सभा चुनावों में आरजेडी ने कांग्रेस को एक भी सीट देने से इंकार कर दिया था. इसके साथ ही, आने वाले राज्य की विधान परिषद की 24 सीटों के लिए भी (जिसमें पंचायत के सदस्य वोट देते हैं) आरजेडी ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने की बात कही और उससे अधिक सीटें देने से इंकार कर दिया था.

जब राजद सुप्रीमो यादव से यह पूछा गया कि कांग्रेस विधान परिषद चुनावों में अलग-थलग पड़ने के कारण नाखुश है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें गुस्सा नहीं होना चाहिए. बल्कि उन्हें खुश होना चाहिए. वे दो सीटों से खुश नहीं हैं. अब उनके पास पूरी 24 सीटें लड़ने के लिए हैं.

तेजस्वी ने 2020 में 70 सीटों के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत की थी, लेकिन भविष्य के लिए कोई वादा नहीं किया था. हर पार्टी के साझा उद्देश्य होते हैं.

दिप्रिंट से बातचीत में बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, हमारे उद्देश्य और आदर्श एक जैसे ही हैं. हम दोनों ही भाजपा को हटाना चाहते हैं. लेकिन, कांग्रेस को इस बात का एहसास होना चाहिए कि क्षेत्रीय दलों की भूमिका मुख्य होती है. चाहे उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी हो, पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस या बिहार की आरजेडी हो.


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गठबंधन में आक्रोश

कुछ ही हफ्तों पहले तेजस्वी ने हैदराबाद जाकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव से मुलाकात की थी और अगले लोकसभा चुनावों में गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस गठबंधन बनाने को लेकर चर्चा की थी. उस समय तेजस्वी ने किसी तरह का कोई वादा नहीं किया था. हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि कांग्रेस, आरजेडी की सबसे पुरानी सहयोगी है.

आरजेडी नेताओं का कहना है कि तेजस्वी, कांग्रेस से बातचीत करते समय अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते.

आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि यह नहीं हो सकता कि वे हमसे जबरदस्ती करके सीटें लें लें. साल 2015 के विधानसभा चुनावों में जब हम नीतीश कुमार के साथ थे तब भी लालू कांग्रेस को 15 से ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं थे. नीतीश ने लालू को इस बात के लिए राजी किया था कि वे कांग्रेस को 41 सीटें दे दें. पार्टी ने 2020 के चुनावों में आरजेडी ने कांग्रेस की मांगें इसलिए मान ली थी, क्योंकि लड़ाई नीतीश कुमार-भाजपा गठबंधन के साथ थी.

कांग्रेस पार्टी में आरजेडी के इस अहंकार को लेकर काफी आक्रोश है.

कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान ने दिप्रिंट को बताया कि आरजेडी ने पहले भी गलतियां की थीं और उनको कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. 2009 में कांग्रेस ने अकेले दम पर चुनाव लड़ा था. इसके बाद, आरजेडी उम्मीदवारों को आधा दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटें गंवानी पड़ी थीं.

खान ने कहा कि जब संप्रदायवाद बढ़ता है, तो यह क्षेत्रीय पार्टियां अक्सर उसमें सहायता करती हैं. चुनाव सिर्फ संख्याबल तक सीमित नहीं होते. इससे यह संदेश भी जाता है कि हम धर्मनिरपेक्ष के मुद्दे पर सभी एकजुट हैं. किसी तरह से भटकने का मतलब हुआ कि सीटें और मूल्य दोनों गए.


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लालू आरजेडी अध्यक्ष बने रहेंगे

दिप्रिंट से बातचीत के दौरान प्रसाद ने उन खबरों का भी खंडन किया कि वे आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद तेजस्वी को देने वाले हैं. लालू ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह खबरें बेबुनियाद हैं.

आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक गुरूवार को होने जा रही है जिसमें सदस्यता अभियान के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष और ब्लॉक और जिलाध्यक्षों का चुनाव किया जाएगा.

एक आरजेडी नेता ने नाम न छपने की शर्त की पर बताया, लालू वह गलती नहीं करने वाले जो समाजवादी पार्टी के पूर्व सुप्रीमो, मुलायम सिंह यादव ने की थी. उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश को बागडोर सौंपने की बात का हवाला दिया.

फिलहाल, लालू के फिर से चारा घोटाला मामले में जेल जाने की संभावना बढ़ रही है. क्योंकि, रांची की सीबीआई कोर्ट, चारा घोटाले में 15 फरवरी को अपना फैसला देने वाली है.

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