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राहुल ने राफेल मुद्दे पर संसद में फिर बोला मोदी पर हमला

राफेल मुद्दे पर लोकसभा में जारी चर्चा के दौरान मामले से जुड़े टेप को चलाने की मांग की. अरुण जेटली ने राहुल के आरोपों को बताया मनगढ़ंत.

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संसद की प्रतीकात्मक तस्वीर | पीटीआई

नई दिल्लीः राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे पर फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. लोकसभा में रफेल मुद्दे पर जारी चर्चा के तहत उन्होंने दोबारा पीएम को घसीटा. उन्होंने फिर से कहा कि राफेल का कांट्रैक्ट एचएएल से छीनकर 10 दिन पहले बनी अनिल अंबानी की कंपनी को दिया गया. पीएम ने आखिर ऐसा क्यों किया. इसमें 30 हजार करोड़ रुपए का घोटला हुआ है. हाल ही में पीएम ने एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उनसे राफेल पर कोई सवाल नहीं पूछा गया. पूरा देश इस मामले के बारे में जानना चाहता है. मैं प्रधानमंत्री से विपक्ष का नेता होने के नाते सवाल पूछ रहा हूं. मैंने सदन में रक्षा मंत्री से सवाल पूछा था वे मुस्कुरा रही थीं. उन्होंने राफेल का दाम बताने की बात कही थी, लेकिन पीएम फ्रांस जाते हैं और क्या बात होती है, दोबारा रक्षा मंत्री कहती हैं कि राफेल की कीमत नहीं बताई जा सकती. जबकि कांट्रैक्ट में कहीं भी इसकी कीमत न बताने की बात नहीं है.

राहुल ने कहा, क्या स्पीकर हमें इससे जुड़े एक टेप चलाने की इजाजत देंगी. इसको लेकर तुरंत सदन में टोका-टाकी शुरू हो गई. स्पीकर ने कहा इसके लिए प्रमाणिकता जरूरी है, बिना प्रमाणिकता के इसे चलाने की जरूरत नहीं है. इसी बीच अरुण जेटली बोलने खड़े हुए. उन्होंने कहा कि सारे आरोप मनगढ़त हैं और रचे गये हैं. राहुल बार-बार झूठ बोल रहे हैं. इस बीच सदन में हंगामा शुरू हो गया. जेटली ने कहा कि सारे आरोप गलत हैं. इस बीच राहुल गांधी बार-बार टेप चलाने की मांग दोहराते रहे. लेकिन स्पीकर ने उन्हें इसको प्रमाणिकता की बात कहकर चलाने की इजाजत नहीं दी. हंगामा बढ़ता देख सदन 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

दोबारा सदन शुरू होने पर राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि राफेल मामले की संसदीय जांच की जरूरत नहीं है. उन्होंने राफेल सौदे में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप पर सवाल किया और सरकार से पूछा कि वायुसेना की जरूरतों में बदलाव किसकी इजाजत से किया गया.

जेटली ने कहा, आरोप फर्जी हैं

जेटली ने राहुल गांधी के सारे आरोपों को झूठा और मनगढंत बताया. कांग्रेस जिस टेप का हवाला दे रही है. वह फर्जी है, उसकी जांच होनी चाहिए. जेटली ने कांग्रेस के आरोप के जवाब में बोफोर्स घोटाले और अगस्ता वेस्टलैंड का भी मुद्दा उठाया.

अरुण जेटली ने राहुल के आरोप पर जवाब देते हुए कहा कि मैं निराश हूं. राहुल के पास कहने के लिए कुछ नया नहीं है. यहां सभी मुद्दे पर स्पष्ट और एक-एक चीज पर बहस हो चुकी है. राहुल उन्हीं चीजों पर बने हुए हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुकी है. कुछ लोग सच्चाई स्वाभाविक तौर पर पसंद नहीं करते. पहला, आखिरी और सभी शब्द जो भी सदन में बोले गये हैं सब झूठे हैं. इनके पास आरोप गढ़ने की विरासत है. फ्रांस सरकार इसे बार-बार नकार रही है. खुद का बनाया गया टेप है, जिसकी प्रमाणिकता से वे डरे हुए हैं. गोवा के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि यह टेप गढ़ा गया है, इसकी जांच की जरूरत है.

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जेटली ने कहा, यह राफेल का मामला क्या है? राफेल किसलिए देश को चाहिए था. जब कारगिल हुआ, तब सेना ने हॉवित्जर तोप का इस्तेमाल किया. यूपीए सरकार ने कहा था कि यह आवश्यक है. यूपीए ने ही इसे इजाजत दी थी, उसके बाद 2007 में इसके लिए टेंडर जारी हुआ. छह लोगों ने बिड की थी और दो लोगों की बिड फाइनल हुई. यह कांग्रेस के कार्यकाल में हो रहा था. उसी दौरान सभी कमेटियों ने राफेल को इजाजत दी. 2012 में यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री के पास गया. रक्षा मंत्री के टेबल पर राफेल को अप्रूवल मिला. लेकिन उन्होंने कहा कि यह जिस प्रक्रिया से यह तय हुआ है, उस पर पुनर्विचार होना चाहिए.

जेटली ने कहा, मेरा ये आरोप है कि यूपीए सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया. जब सरकार बदली तो वायुसेना के अधिकारियों ने अपनी पहली प्रजेंटेशन में कहा कि हमारे पास आधुनिक हथियार नहीं है. हमारी क्षमता कम है. दुश्मन देशों के पास 400 की संख्या में राफेल हैं. देश को राफेल की आवश्यकता है.

हालांकि, जेटली की बात पूरी नहीं हो सकी और सदन बीच में ही फिर से स्थगित हो गया.

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने बुधवार को एक ऑडियो फाइल जारी की जिसमें ऐसा लग रहा है कि गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे कथित तौर पर कह रहे हैं कि गोवा के मुख्यमंत्री व पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के पास राफेल सौदे की सभी फाइलें हैं. कांग्रेस ने इन फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ्रांस से लड़ाकू जेट की खरीद से संबंधित सभी दस्तावेज़ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास जमा कराने की भी मांग की.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस ऑडियो फाइल को जारी किया जिसमें गोवा के स्वास्थ्य मंत्री राणे और एक अन्य व्यक्ति के बीच टेलीफोन पर बात होती सुनाई दे रही है. इस व्यक्ति की पहचान नहीं बताई गई है. कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस सौदे पर सफाई देने और उन फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए कहा ‘जिनका उपयोग पर्रिकर केंद्र और भाजपा को धमकी देने के लिए कर रहे हैं.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘गोवा के मंत्री राणे ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं कि सभी राफेल फाइलें पर्रिकर के पास हैं. राफेल सौदे के सारे राज राणे ने खोल दिए हैं. अगर मोदी के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है तो वे फाइलें पर्रिकर के बेडरूम में क्यूं हैं जिनका इस्तेमाल वह (पर्रिकर) यह सुनश्चित करने के लिए कर रहे हैं कि कोई उनके साथ कुछ कर नहीं सके.’

मीडियाकर्मियों के बीच सुरजेवाला ने जो ऑडियो फाइल सुनाई उसमें एक व्यक्ति जिसे कांग्रेस राणे बता रही है, वह कह रहा है कि ‘मुख्यमंत्री ने एक दिलचस्प बयान दिया है कि उनके बेडरूम में राफेल की सारी जानकारी है.’

इसमें कथित तौर राणे को यह कहते सुना जा रहा है, ‘उन्होंने कहा कि ये मेरे बेडरूम में है. यहीं फ्लैट में. राफेल का एक-एक दस्तावेज मेरे पास है..इसका मतलब है कि वह उन्हें बंधक (रैन्सम) बनाए हुए हैं.’ सुरजेवाला ने दावा किया कि यह पिछले सप्ताह गोवा की कैबिनेट मीटिंग के बाद की रिकॉर्डिग है.

कांग्रेस के इस आरोप को दोहराते हुए कि ‘राफेल सौदा भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है’, सुरजेवाला ने यह जानने की मांग की कि फाइलें पर्रिकर के पास क्यूं हैं और उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी गोवा के मुख्यमंत्री से ‘डरते’ हैं.

उन्होंने कहा, ‘मोदी कहते हैं कि राफेल सौदे में उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं हैं, लेकिन यह ऑडियो उन्हें दोषी बताने का एक सबूत है जिस पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद पहले ही फ्रांसीसी मीडिया से यह कहकर मुहर लगा चुके हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से एक निजी कंपनी के लिए सौदे किया गया था.’

सुरजेवाला ने सवालिया लहजे में कहा, ‘प्रधानमंत्री जेपीसी से क्यूं डरते हैं? क्या इसलिए कि वह जानते हैं कि इससे सौदे के पीछे का सारा भ्रष्टाचार सामने आएगा?’

उन्होंने कहा, ‘पर्रिकर के पास मौजूद फाइलें सार्वजनिक की जानी चाहिए और मोदी को जेपीसी जांच के लिए तैयार होना चाहिए. 10 दिनों के भीतर जेपीसी जांच से राफेल सौदे की सारी सच्चाई सामने आ जाएगी जो देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है.’

कांग्रेस के हमले के एक दिन पहले ही मोदी ने एक साक्षात्कार में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राफेल जेट सौदे पर सवाल उठाकर वह सुरक्षा बलों को कमज़ोर कर रही है. भाजपा का कहना है कि इस सौदे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.

टेप झूठा है, इससे छेड़छाड़ की गई 

गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस द्वारा जारी ऑडियो टेप के साथ छेड़छाड़ की गई है, क्योंकि पर्रिकर ने राफेल पर कभी बात ही नहीं की. कांग्रेस ने जो ऑडियो जारी किया है, उसमें कथित तौर पर राणे को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने राफेल सौदे से जुड़ीं फाइलें अपने बेडरूम में रखी हैं.

पूर्व कांग्रेस नेता राणे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनका सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच चल रहे सत्ता के खेल के एक मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर्रिकर से कथित ऑडियो बातचीत के स्रोत और यह कैसे वायरल हुआ, इसकी जांच करने के लिए राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों की मदद लेने के लिए कहा है.

उन्होंने कहा, ‘जो ऑडियो वायरल हो रहा है, उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. मुख्यमंत्री को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को इसकी जांच के निर्देश देने चाहिए. मनोहर पर्रिकर ने राफेल पर कभी बात नहीं की थी.’

राणे ने कहा, ‘वे (कांग्रेस) राफेल को सनसनीखेज करने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले की जांच करनी चाहिए, ताकि चीजें सामने आ सकें. इस विषय पर चर्चा करने का कोई सवाल ही नहीं है.’

पुनर्विचार याचिका

राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में सरकार को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय से बुधवार को पुनर्विचार की मांग करते हुए याचिका दायर की गई. शीर्ष न्यायालय ने 14 दिसम्बर को दिए फैसले में सरकार को क्लीन चिट दे दी थी, जिस पर पुनर्विचार करने के लिए पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा, पत्रकार से नेता बने अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने समीक्षा याचिका दाखिल की है.

 

 

 

 

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