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3,500 किमी, 12 राज्य, 125 दिन- 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होगी कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’

कन्याकुमारी से कश्मीर तक के मार्च को राहुल गांधी हरी झंडी दिखाएंगे, लेकिन पार्टी नेताओं ने ये नहीं बताया कि क्या वो इसकी अगुवाई करेंगे.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 22 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 'भारत जोड़ी यात्रा' सम्मेलन के दौरान विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए | पीटीआई

नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को ऐलान किया कि उसका जनसंपर्क कार्यक्रम- भारत जोड़ो यात्रा- 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होगा, और 12 राज्यों से होकर 3,500 किलोमीटर का सफर करते हुए, चार महीने बाद कश्मीर में ख़त्म होगा.

पदयात्रा को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शाम 5 बजे कन्याकुमारी के गांधी मंडपम से हरी झंडी दिखाएंगे. पार्टी नेता ये नहीं बता रहे हैं कि 125 दिन के इस मार्च में उनकी या सोनिया गांधी की भागीदारी किस सीमा तक होगी, और केवल इतना कह रहे हैं: ‘उसपर बाद में फैसला लिया जाएगा’.

मंगलवार को दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए, वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने कार्यक्रम में राहुल गांधी की भागीदारी की पुष्ट की, लेकिन इस सवाल को टाल गए कि वो इसकी अगुवाई करेंगे कि नहीं. पार्टी को एक नया प्रमुख चुनने के लिए चुनाव कराने हैं.

नेताओं ने कहा कि मार्च में हर दिन क़रीब 25 किलोमीटर पैदल कवर किया जाएगा. 100 से 150 लोगों का एक कोर ग्रुप वास्तव में पूरा रास्ता तय करेगा.

पार्टी ने यात्रा के लिए लोगो, नारे, और वेबसाइट का भी अनावरण किया. नारा होगा ‘मिले क़दम-जुड़े वतन’, जिसका मोटे तौर पर मतलब है कि ‘देश एकजुट रहेगा अगर हमारे क़दम एक रहेंगे’.

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राहुल ने सिविल सोसाइटी से मिलकर उन्हें यात्रा के लिए आमंत्रित किया

जयराम रमेश ने बताया कि सोमवार को राहुल गांधी ने सिविल सोसाइटी के सदस्यों से मुलाक़ात करके, उनके लोगों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया.

रमेश ने कहा, ‘उन्होंने क़रीब डेढ़ घंटे तक उनसे बात की और उनके सवालों के जवाब दिए. राहुल ने विस्तार के साथ उन्हें यात्रा का संदर्भ समझाया, और बताया कि इसका क्या उद्देश्य है’.

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि हालांकि तार्किक और भौगोलिक कारणों से पदयात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर का सीधा रास्ता अपनाएगी, लेकिन मुख्य यात्रा के साथ साथ हर राज्य अपनी अलग पदयात्रा भी निकालेगा.

सिंह ने कहा, ‘यात्रा में तीन तरह के प्रतिभागी होंगे’.

‘मुख्य लोग, जो पूरा रास्ता तय करेंगे, भारत यात्री कहलाएंगे. दूसरे अतिथि यात्री होंगे जो उन सूबों से आएंगे, जहां से मुख्य यात्री नहीं गुज़र रही है. तीसरे प्रदेश यात्री होंगे जो उन राज्यों से होंगे जहां से होकर यात्रा गुज़र रही होगी. हर श्रेणी में क़रीब 100 लोग शामिल होंगे. इसलिए, किसी भी समय पर पदयात्रा में क़रीब 300 लोग शरीक हो रहे होंगे’.

नेताओं ने ये भी कहा कि प्रतिभागी होटलों में नहीं, बल्कि अस्थायी रेलवे बोगी की तरह के आवास में ठहरेंगे, जो एक ट्रेलर पर रखे होंगे.

बाद में रमेश ने, जो कांग्रेस में संचार के प्रभारी महासचिव हैं, कहा कि ‘भारत जोड़ो समय की ज़रूरत’ है. उन्होंने कहा, ‘महंगाई, जीएसटी, और बेरोज़गारी मिलकर भारत को तोड़ रहे हैं. धर्म, जाति, भाषा, भोजन और कपड़ों के आधार पर सामाजिक ध्रुवीकरण किया जा रहा है. राजनीति में केंद्र ने अपना पूरा दबदबा बना लिया है’.

रमेश ने कहा कि पदयात्रा एक आंदोलन है जिसका उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है. नेता ने कहा, ‘ये एक जन आंदोलन है. हमें आक्रामक रहने की ज़रूरत है. हमारा उद्देश्य कांग्रेस के संगठन को मज़बूत करना है…और लोगों तक पहुंचने का एक अवसर हासिल करना है. एक तरह से ये 2024 के चुनावों की तैयारी है’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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