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राहुल गांधी कुछ भी असंसदीय नहीं बोले, लोकसभा सचिवालय के नोटिस पर खड़गे ने कहा

खड़गे ने कहा, 'राहुल गांधी ने संसद में जो कुछ भी कहा था वह पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में था और इसमें असंसदीय कुछ भी नहीं है.

मीडिया से बात करते हुए खड़गे | ANI

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमावर को लोकसभा सचिवालय को नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी संसद में जो कुछ कहा उसमें कुछ भी असंसदीय नहीं है.

राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया बात करते हुए खड़गे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने संसद में जो कुछ भी कहा था वह पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में था और इसमें असंसदीय कुछ भी नहीं है. इसलिए वह उसी के अनुसार नोटिस का जवाब देंगे.’ राज्यसभा में विपक्ष के नेता (LoP) ने बजट सत्र के अंतिम दिन से पहले समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक भी बुलाई है.

उन्होंने कहा, ‘चूंकि आज संसद में (बजट सत्र के पहले भाग का) आखिरी दिन है, हम चर्चा करेंगे कि हम इस अडानी मुद्दे को कैसे हल कर सकते हैं और हमारे अध्यक्ष क्या करेंगे. अन्य दलों के नेताओं की राय भी लेंगे.’

गौरतलब है कि, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा सचिवालय ने संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उनके खिलाफ ‘भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और भड़काऊ बयानों’ पर विशेषाधिकार हनन नोटिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जवाब मांगा है.

राहुल गांधी को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा विचार के लिए 15 फरवरी तक अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार और नैतिकता शाखा ने 10 फरवरी को राहुल गांधी को नोटिस भेजा था.

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लोकसभा के एक अधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘मैं आपसे 15 फरवरी, 2023 तक इस मामले में अपना जवाब/टिप्पणी देने का अनुरोध करता हूं.’

राहुल गांधी ने 7 फरवरी को लोकसभा में अपने भाषण में हिंडनबर्ग-अडानी विवाद को लेकर सरकार पर कई आरोप लगाए थे.

लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में, दुबे ने कहा कि कांग्रेस सांसद ने नियमों के उल्लंघन में कुछ ‘असत्यापित, अपमानजनक और मानहानिकारक बयान’ दिए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने स्पीकर को अग्रिम नोटिस दिए बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान दिए जो कि नियम 353 के तहत जरूरी है.’

दुबे ने लिखा है, ‘ये बयान भ्रामक, अपमानजनक, अशोभनीय, असंसदीय, अभद्र और सदन की गरिमा और प्रधानमंत्री के खिलाफ हैं. राहुल गांधी ने सदन में यह बयान देने के बावजूद कि वह दस्तावेजी सबूत देंगे, लेकिन अपने बयानों के समर्थन में कोई विधिवत प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है.’

भाजपा सांसद ने कहा कि इस तरह, उन्होंने जो बयान दिया है वह सदन को गुमराह करने वाला है. यह आचरण सदन और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है.

इसी तरह का एक पत्र लिखने वाले जोशी ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी अध्यक्ष द्वारा हटाई जा सकती है क्योंकि ये ‘अपमानजनक, अशोभनीय, असंसदीय और अशोभनीय’ हैं.


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