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पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू पर बोला तीखा हमला, विरोध में सदन से कांग्रेस का वॉकआउट

पीएम ने कहा कि 'पंडित नेहरू ने 1955 में गोवा में उनकी मौत के लिए सत्याग्रहियों को मार्च करने दिया.'

लोकसभा में बोलते पीएम मोदी | फोटो- @BJP4India

नई दिल्ली: मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाने के लिए गोवा में साम्राज्यवादी शासन कायम रखने का आरोप लगया.

पीएम मोदी ने कहा कि ‘अपनी अंतराष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाने के लिए उन्होंने गोवा को साम्राज्यवादी शासन में रखा.’

पीएम ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के जवाब में कहा कि ‘यह साल गोवा की आजादी की 60वीं वर्षगांठ है. जिस तरह से सरदार ने हैदराबाद और जूनागढ को स्वतंत्र कराने के लिए पहल की थी.
उससे सबक लिया जाता तो गोवा को 15 साल गुलामी में नहीं रहना पड़ता और वो पहले ही आजाद हो जाता. पूरानी मीडिया रिपोर्ट्स आपको बता देंगी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि की फिक्र थी.
इसलिए नेहरू ने सोचा कि अगर गोवा की विदेशी सरकार पर हमला किया जाता तो विश्व में बनी उनकी शांतिप्रिय नेता की छवि को नुकसान पहुंचता. इसी वजह से उन्होंने गोवा को कष्ट में छोड़ दिया.

उन्होंने आगे कहा कि ‘जब हमारे साथी भारतीयों, सत्याग्रहियों पर गोलियां चलाई जा रही थीं, तो उन्होंने (नेहरू) कहा था कि वह हमारी सेना नहीं भेजेंगे.’

पीएम ने कहा कि ‘पंडित नेहरू ने 1955 में गोवा में उनकी मौत के लिए सत्याग्रहियों को मार्च करने दिया.’

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पीएम मोदी ने 15 अगस्त 1955 को नेहरू के भाषण के एक हिस्से को पढ़ा ‘इसमें कोई शक नहीं है कि हम गोवा के लिए कोई खूफिया कदम उठाएंगे. गोवा के आसपास कोई ताकत नहीं है. भारत के भीतर कुछ लोग शोर मचाना चाहते हैं और हमें वहां सेना भेजने के लिए मजबूर करना चाहते हैं. हम कोई सेना नहीं भेजेंगे, हम इसे शांति से सुलझा लेंगे और सभी को यह समझना चाहिए.’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘यह बयान गोवा की जनता के खिलाफ था.’

पीएम ने केंद्र पर इतिहास फिर से लिखने का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस की आलोचना और कहा कि कांग्रेस की सोच को ‘अर्बन नक्सल’ ने हाईजैक कर ली है. उन्होंने कहा कि हम पर इतिहास को बदलने या फिर से लिखने की कोशिश करने का आरोप लगाया जा रहा है. क्योंकि यह तथ्य है कि कांग्रेस अब ‘अर्बन नक्सल’ की तरह सोचती है और उनका मनोविज्ञान अब विनाशकारी हो गया है.’


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कांग्रेस का पलटवार

इस बीच, कांग्रेस सांसदों ने सदन में पीएम मोदी के अभिभाषण के दौरान राज्यसभा से यह कहते हुए वॉकआउट कर दिया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने के बजाय पीएम पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम पर हमला करते हुए कहा कि ‘पीएम मोदी की ‘फूट डालो राज करो’ वाली टिप्पणी सिर्फ उन्हीं पर लागू होती है.’

खड़गे ने आगे कहा कि ‘उन्होंने सिर्फ कांग्रेस पर निशाना साधा. सदन में सभी दलों के सदस्य हैं और वे सभी योजनाओं पर अपनी बात रखते हैं. उन पर बोलने के बजाय उन्होंने कांग्रेस की आलोचना की. उन्होंने गांधी जी को याद किया. गांधी जी के हत्यारे की पूजा करने वाले हमसे कह रहे हैं कि कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए.’

कांग्रेस सांसद सचिन पायलट ने कहा कि ‘पीएम को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए तथ्यों पर बात करनी चाहिए थी और विकास के प्रोजेक्ट के बारे में बात करते लेकिन उन्होंने हकीकत से कोसों दूर अपने राजनीतिक भाषण से हमला किया. नेहरू जी के बारे में उनकी टिप्पणियों से नाराजगी थी. मुझे नहीं लगता कि जनता कोविड के उनके संस्करण को स्वीकार करती है.’


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