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PM Modi ने 1975 की इमरजेंसी से लड़ने वालों को दी श्रद्धांजलि, बताया इतिहास का न भूलने वाला समय

पीएम मोदी ने ट्वीट किया है, 'मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया.

पीएम मोदी, फाइल फोटो | एएनआई

नई दिल्ली : आज ही के दिन इंदिरा गांधी के शासन में 25 जून 1975 को लागू आपातकाल को भाजपा ने काला अध्याय बताते हुए इसे देश की आत्मा को कुचलने वाला करार दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी का विरोध करने वाले लोकतंत्र को मजबूत करने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और इसे इतिहास का न भूलने वाली अवधि बताया.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया है, ‘मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया. #DarkDaysOfEmergency यह हमारे इतिहास में न भुलाने वाला समय बना हुआ है, हमारा संविधान जिन मूल्यों का जश्न मनाता है यह उसके एकदम विपरीत थी.’

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 25 जून 1975 के आपातकाल को एक परिवार द्वारा लोकतंत्र हत्या करने वाला करार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया है, ’25 जून 1975 को एक परिवार ने अपने तानाशाही प्रवृत्ति के कारण देश के महान लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल जैसा कलंक थोपा था. जिसकी निर्दयता ने सैकड़ों वर्षों के विदेशी शासन के अत्याचार को भी पीछे छोड़ दिया. ऐसे कठिन समय में असीम यातनाएं सहकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करने वाले सभी राष्ट्र भक्तों को नमन करता हूं.’

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वहीं 1975 के आपातकाल के खिलाफ बेजीपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए गए हैं. एक ट्वीट में लिखा है, ‘1975 आपातकाल: लोकतंत्र के मंदिर को रौंदने की एक भयानक गाथा!’

एक अन्य ट्वीट में लिखा है, ‘ आपातकाल… लोकतंत्र का काला अध्याय! कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर देश की आत्मा को कुचलने का काम किया. आपातकाल… एक क्रूर और तानाशाही मानसिकता वाली नेता व उसके उद्दंड परिवार द्वारा, लोकतंत्र को कुचल देश को बंधक बनाने की काली कहानी…’

पार्टी ने कहा है, ‘संसद ने मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए इस समय असीमित शक्तियां अपने हाथ में ले ली थीं.

इंदिरा गांधी के शासन में जबरन नसबंदी को लेकर भी पार्टी ने निशाना बनाया है. पार्टी ने कहा, ‘जबरन नसबंदी (भयानक नसबंदी) ने पूरे देश में एक भारी आतंक की लहर पैदा की थी.’

पार्टी ने ट्वीट किया है, ‘सुप्रीम कोर्ट को मूकदर्शक बना दिया गया! प्रधानमंत्री के चुनाव को न्यायालय की जांच से परे रखने के लिए संविधान में 39वां संशोधन किया गया.


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