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मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI कार्रवाई को विपक्षी पार्टियों ने ‘एजेंसी का दुरुपयोग’ बताया

सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मनीष सिसोदिया और आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 19 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा.

मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की छापेमारी | ANI

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर शुक्रवार को सीबीआई की छापेमारी के बाद राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रतिारोप का दौर शुरू हो गया है. जहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने सामने आ गई हैं वहीं अन्य पार्टियां भी इस मामले में बयानबाजी करने से पीछे नहीं हैं.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने बीजेपी सरकार पर विपक्ष का दमन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के दो हाथ हैं- सीबीआई और ईडी. उन्होंने आगे कहा कि इन्होंने यही सब पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में भी किया है. रॉय ने कहा, ‘इस सरकार ने सत्येंद्र जैन पर भी छापेमारी की थी. यह विपक्ष को दबाने का हथकंडा है. छापेमारी में कुछ नहीं मिला है.’

‘एजेंसियों की विश्वसनीयता कम होती है’

उधर, कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ संघीय एजेंसियों के ‘निरंतर दुरुपयोग’ से उनकी विश्वसनीयता कम होती है और इससे भ्रष्टाचारियों को बच निकलने का मौका मिलता है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ‘एजेंसी के निरंतर दुरुपयोग का एक बड़ा नुकसान यह भी होता है कि जब एजेंसी सही काम भी करती है, तब भी उसके कदम को शक की निगाह से देखा जाता है. ऐसे में, भ्रष्ट लोग दुरुपयोग की दुहाई देकर बच निकलते हैं और जो ईमानदारी से जनता के मुद्दे उठाते हैं, वो दुरुपयोग का शिकार होते रहते हैं.’

वहीं, कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि वो बिल्कुल भी आश्चर्य में नहीं हैं कि सिसोदिया के खिलाफ पहले छापेमारी नहीं की गई है.

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उन्होंने कहा, ‘यह आश्चर्य की बात नहीं है. दिल्ली सरकार में पिछले 7-8 साल से जो कुछ हो रहा है वो हम सुनते आ रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि सीबीआई की छापेमारी पहले नहीं हुई. शराब का मामला हो, स्कूलों में कमरों का निर्माण हो, शिक्षक भर्ती हो, नागरिक सुरक्षा भर्ती मामला हो या ठेके का मामला जहां भी आप देखते हैं, वहां सीबीआई की एक नहीं बल्कि 10 छापेमारी होनी चाहिए थी. ‘


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‘एक्साइज’से ‘एक्सक्यूज’ मंत्री बने

उधर, बीजेपी भी इस मामले में आप सरकार को घेरने में लगी हुई है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के ‘एक्साइज’ (आबकारी) मंत्री ‘एक्सक्यूज’ (बहाना बनाने वाले) मंत्री बन गए हैं।

ठाकुर ने कहा, ‘आज का मामला शराब के कारोबार के लाइसेंस और इसमें शामिल भ्रष्टाचार से जुड़ा है. संबंधित मंत्री मनीष सिसोदिया हैं. उन्होंने सीबीआई को जांच सौंपे जाने के दिन आबकारी नीति को पलट दिया. यह कदम क्यों उठाया गया क्योंकि शराब के कारोबार के लाइसेंस जारी करने में भ्रष्टाचार किया गया है.’

मंत्री ने कहा कि सीबीआई जांच के डर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया को छापेमारी को राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा सुविधाओं से जोड़ना पड़ा.

ठाकुर ने कहा, ‘जांच के डर के कारण केजरीवाल को शिक्षा के बारे में बोलना पड़ा. यह शिक्षा की बात नहीं है, यह आबकारी नीति का मामला है. लोगों को मूर्ख मत समझिए.’

मंत्री ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि सिसोदिया धनशोधन मामले में गिरफ्तार किए गए अपने सहयोगी मंत्री सत्येंद्र जैन की तरह याददाश्त चले जाने का दावा नहीं करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘लोगों को जवाब चाहिए. आबकारी नीति में भ्रष्टाचार से केजरीवाल और सिसोदिया का असल चेहरा सामने आ गया है. उन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ने और राजनीति में प्रवेश नहीं करने की बात की थी. वे न केवल राजनीति में आए, बल्कि अब भ्रष्टाचार भी कर रहे हैं.’

आप ने क्या कुछ कहा

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने मनीष सिसोदिया को बेस्ट शिक्षा मंत्री करार दिया है और साथ ही कहा कि ‘सीबीआई को कुछ नहीं मिलेगा.’

उन्होंने कहा, ‘यह देश के लिए गर्व की बात है कि मनीष सिसोदिया का नाम दुनिया के सबसे ताकतवर देश के सबसे बड़े अखबार के पहले पन्ने पर है.’

केजरीवाल ने कहा, ‘एक तरह से उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन शिक्षा मंत्री घोषित किया गया है. सबसे बड़े अखबार ने दिल्ली की शिक्षा क्रांति के बारे में लिखा और सिसोदिया की तस्वीर भी लगाई.’

उन्होंने कहा कि उन्हें कोई डर नहीं है और उनके अन्य मंत्रियों, कैलाश गहलोत और सत्येंद्र जैन के खिलाफ भी छापे मारे गए लेकिन उनमें कुछ भी नहीं निकला.

केजरीवाल ने कहा, ‘हमारी राह में, हमारे अभियान में कई रोड़े अटकाए जाएंगे. सिसोदिया के खिलाफ यह पहली छापेमारी नहीं है, पहले भी छापेमारी की गई है. मेरे और मेरे कई मंत्रियों के खिलाफ छापे मारे गए हैं लेकिन उनमें कुछ भी नहीं निकला और इस बार भी कुछ नहीं निकलेगा.’

आम आदमी पार्टी ने सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. आप ने केंद्र सरकार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उनके कार्य की ‘बढ़ती लोकप्रियता’ के कारण पार्टी और उसके नेताओं को बदनाम करने के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि आबकारी नीति तैयार करने में कथित अनियमितताएं सीबीआई को सिसोदिया के पीछे लगाने का ‘एक बहाना’ है.

उन्होंने कहा, ‘असली मुद्दा यहां अरविंद केजरीवाल और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में उनके दिल्ली शासन के मॉडल की बढ़ती लोकप्रियता है.’

पार्टी ने आरोप लगया कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर जेल में डाल दिया गया जिन्होंने दुनिया को मोहल्ला क्लिनिक का दिल्ली मॉडल दिया. प्रधानमंत्री ने अब सीबीआई को सिसोदिया के पीछे लगा दिया है.

गौरतलब है कि इसी साल जून में केजरीवाल ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक फर्जी मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है.

उन्होंने कहा था, ‘सत्येंद्र जैन के बाद केंद्रीय एजेंसियां ​​मनीष सिसोदिया को फर्जी मामले में गिरफ्तार करना चाहती हैं. केंद्र सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों से मनीष सिसोदिया के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करने को कहा है. सूत्रों ने पुष्टि की है कि केंद्र सिसोदिया को गिरफ्तार करना चाहता है.’


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क्या है मामला

सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मनीष सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 19 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा.

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है.

उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान सीबीआई के दल सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में 21 स्थानों पर पहुंचे, जिसमें सिसोदिया और एजीएमयूटी काडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त गोपी कृष्ण के परिसर भी शामिल हैं. दो अन्य लोक सेवकों के परिसरों पर भी छापेमारी की जा रही है.

दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी.

उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी.

अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट में पाया गया कि निविदा जारी करने के बाद ‘शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ’ पहुंचाने के लिए ‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियात्मक चूक’ की गई है.

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट की एक प्रति मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है.

इस बीच, सिसोदिया ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि वह सीबीआई का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि साजिशें ना उन्हें तोड़ सकेंगी और न ही अच्छी शिक्षा के लिए काम करने के उनके संकल्प को बाधित कर पाएंगी.

सीबीआई की कार्रवाई की जानकारी देते हुए मनीष सिसोदिया लगातार कई ट्वीट किए और लिखा कि सीबीआई आई है और उसका स्वागत है.

सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं. लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश अभी तक नंबर-एक नहीं बन पाया.’

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट किया, ‘हम सीबीआई का स्वागत करते हैं. जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके. अभी तक मेरे खिलाफ कई मामले बनाए गए लेकिन कुछ नहीं निकला. इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा. देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता.’

सिसोदिया ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘ये लोग दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में शानदार काम से परेशान हैं. इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है, ताकि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें. हम दोनों के ऊपर झूठे आरोप हैं. अदालत में सच सामने आ जाएगा.’


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