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चिदंबरम ने एक और संस्थान खत्म होने पर सरकार को आड़े हाथों लिया

उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि हम एनएससी के खत्म होने पर गहरा अफसोस जाहिर करते हैं और इसके द्वारा विश्वसनीय जीडीपी के आंकड़े और रोजगार के आंकड़े जारी करने की साहसी लड़ाई को कृतज्ञता से याद करते हैं.

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पी चिदंबरम की फाइल फोटो.

नई दिल्लीः पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के दो सदस्यों के इस्तीफे के बाद बुधवार को कहा कि यह एक सम्मानीय संस्था है, जो सरकार की बदनीयती के चलते खत्म हो गई. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हम एनएससी के खत्म होने पर गहरा अफसोस जाहिर करते हैं और इसके द्वारा विश्वसनीय जीडीपी के आंकड़े और रोजगार के आंकड़े जारी करने की साहसी लड़ाई को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं.’

एक अन्य ट्वीट में इस संस्था के पुनर्जन्म की कामना करते हुए उन्होंने कहा, ‘सरकार की बदनीयती के चलते एक और सम्मानित संस्थान खत्म हो गया.’

संस्थान हालांकि आधिकारिक रूप से खत्म नहीं हुआ है, लेकिन सोमवार को इसके अध्यक्ष समेत दो सदस्यों ने यह कहते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया कि उनके जीडीपी से संबंधित आंकड़े को लागू करने में देरी हो रही है और उनके महत्वपूर्ण मामलों को दरकिनार किया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनएससी के अध्यक्ष का पद संभाल रहे पी.सी. मोहनन और दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स के प्रोफेसर जीवी मिनाक्षी ने सोमवार को सांख्यिकी मंत्रालय को अपना इस्तीफा भेज दिया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों सदस्य आयोग की मंजूरी के बावजूद नए आर्थिक आंकड़े जारी करने और 2016-17 के लिए रोजगार-बेरोजगारी रिपोर्ट को प्रकाशित करने में देरी की वजह से नाखुश थे.

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