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BJP अल्पसंख्यक सेल के प्रमुख ने कहा- राम मंदिर के निर्माण के लिए मुस्लिम भी दे रहे हैं दान

हाजी जमाल सिद्दीकी उर्दू कवि अल्लामा इकबाल का हवाला देते हुए कहते हैं कि राम हर किसी के आदर्श हैं और वो ये भी कहते हैं कि बीजेपी, भारत की चुनावी सियासत में मुसलमानों की नुमाइंदगी बढ़ाने पर भी काम करेगी.

भाजपा के अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाज़ी जमाल सिद्दीकी | ट्विटर | @BJP4Bengal

नई दिल्ली: भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी जमाल सिद्दीकी का कहना है कि मुसलमान भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए योगदान दे रहे हैं, चूंकि भगवान राम का ताल्लुक सबसे है.

सिद्दीकी ने कहा कि भगवान राम, पूरे देश के लिए एक आदर्श हैं और उर्दू कवि अल्लामा इकबाल ने उन्हें इमाम-ए-हिंद कहा था.

सोमवार को दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, ये बात पूरे देश के लिए सम्मान और गर्व की बात है क्योंकि भगवान राम का ताल्लुक, सिर्फ हिंदुओं से नहीं बल्कि पूरे देश से है. वो पूरे देश के आदर्श हैं. इकबाल साहब ने उन्हें इमाम-ए-हिंद का दर्जा दिया है.


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चुनावी सियासत में मुसलमानों की नुमाइंदगी

सिद्दीकी ने कहा कि वो चुनावी सियासत में मुसलमान उम्मीदवारों की संख्या बढ़वाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी ज़िम्मेदारी यही है कि चुनावों को ध्यान में रखते हुए काम करूं और मुसलमान लोगों को बतौर उम्मीदवार तैयार करूं. संगठन को मज़बूत किया जा रहा है लेकिन साथ ही साथ हमें सियासत में मुसलमानों की नुमाइंदगी बढ़ाने की भी ज़रूरत है’.

पश्चिम बंगाल की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सूबे में बूथ स्तर की कमेटियां बनाई गई हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘कम से कम 45 सीटें हैं जहां पर मुसलमान बहुलता में हैं और हमने सूबे में पहले ही काम करना शुरू कर दिया है…हमें उम्मीद है कि कुछ उम्मीदवार जिन्हें हम सुझा रहे हैं, उन्हें मौका दिया जाएगा’.

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उन्होंने आगे कहा कि इसे हासिल करने के लिए, पार्टी के अल्पसंख्यक सेल को न सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ता, बल्कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के नाते, मतदाताओं के पास जाना होगा. उन्होंने कहा, ‘हम सिर्फ बीजेपी कार्यकर्त्ता ही नहीं हैं, बल्कि मुसलमान संप्रदाय के नुमाइंदे भी हैं. हमें अपनी इस पहचान पर भी फोकस करने की ज़रूरत है. हम बीजेपी के मुसलमान प्रतिनिधि हैं और हमें इसे उजागर करने की ज़रूरत है. इससे मुस्लिम समुदाय को हमारे साथ जुड़ने में मदद मिलेगी’.

इसे हासिल करने के लिए, सिद्दीकी ने कहा कि कुछ कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं, जिनमें ‘कुछ सीनियर नेताओं का विरोध’ करना भी शामिल है, जो भड़काऊ बयानबाज़ी करते हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘इसके लिए कभी-कभी हमें, कड़ी कार्रवाई भी करनी पड़ सकती है. मसलन, कभी-कभी हमें अपने नेताओं के खिलाफ भी जाना पड़ सकता है, जो भड़काऊ बयानबाज़ी करते हैं. ये नेता दरअसल बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ हैं, चूंकि बीजेपी सबकी सेवा करने में विश्वास रखती है: सबका साथ, सबका विश्वास ’.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के अंतर्गत, मुसलमानों की तरक्की के लिए कल्याण योजनाएं लागू की गई हैं. ‘ये मंदिर जिसका निर्माण किया जा रहा है, हम सब के लिए खासतौर से खुशी की बात है. अदालत का फैसला आ चुका है और हर कोई उसे मान चुका है. मुझे ये कहने में खुशी हो रही है कि मुसलमानों ने भी बड़े पैमाने पर दान देना शुरू कर दिया है. निर्माण समिति (राम मंदिर दान अभियान) जिसके पास भी चंदे के लिए गई होगी, मुझे यकीन है कि किसी एक मुसलमान ने भी ना नहीं कहा होगा. ये कोई नई चीज़ नहीं है बल्कि एक पुरानी रिवायत है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ये एक नया कदम है जिससे हिंदू-मुसलमान के बीच का फर्क खत्म हो रहा है और ये मंदिर विवाद सुलझा लिया गया है. पीएम मोदी के अंतर्गत विकास की राजनीति शुरू हो गई है और इससे सबसे ज़्यादा फायदा मुसलमानों को होगा’.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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