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ममता बनर्जी का दावा- नहीं लागू होगा CAA, शाह बोले- कोरोना के बाद लागू करेंगे

इसके साथ ही ममता ने गृह मंत्री को अपने काम करने और बीएसएफ की नौकरी में दखल न देने की चेतावनी दी है.

Union Minister for Home Affairs and Cooperation Amit Shah
पश्चिम बंगाल पर अमित शाह | ANI

नई दिल्ली: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) एक बार फिर से चर्चा में है. इसे लागू करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 2024 में सत्ता में नहीं लौटेगी और कोई सीएए लागू नहीं किया जाएगा. ममता ने यह दावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद किया है जिसमें उन्होंने इसे लागू करने की बात कही थी.

ममता के इस बयान के बाद अमित शाह ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के बारे में अफवाहें फैलाने के लिए तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा.

अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी खत्म होने के बाद इसे लागू करेगी. उन्होंने एक रैली में कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस अफवाह फैला रही है कि सीएए लागू नहीं होगा.आज मैं आपको बता दूं कि एक बार जब कोविड-19 खत्म होगा तो हम सीएए को धरातल पर लागू करेंगे और अपने शरणार्थी भाइयों और बहनों को नागरिकता का अधिकार देंगे.’

गौरतलब है कि अमित शाह पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर हैं.

गृहमंत्री ने कहा, ‘ममता दीदी सिर्फ बंगाल में घुसपैठ देखना चाहती हैं और हमारे शरणार्थी भाइयों को नागरिकता नहीं मिल रही है लेकिन तृणमूल को यह सुनना चाहिए कि सीएए एक वास्तविकता थी, है और आगे भी रहेगी. तृणमूल कांग्रेस इसे नहीं बदल सकती है.

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‘बीएसएफ को अमित शाह के झांसे में नहीं आना चाहिए’

ममता ने यह भी आरोप लगाया कि अमित शाह ने बीएसएफ को राजनीति में घुसपैठ करने में मदद करने के लिए राज्य का दौरा किया है.

प्रेस से बात करते हुए ममता ने कहा कि वह बीएसएफ का सम्मान करती हैं लेकिन उसे अमित शाह के झांसे में नहीं आना चाहिए.

ममता ने कहा, ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) बीजेपी की कड़ी है. वह ‘टुकड़े’ करने में यकीन रखते हैं लेकिन वो हिंदुओं और मुसलमानों को बांटना चाहते हैं. देश के गृह मंत्री होने के नाते उन्होंने सिर्फ ईडी और सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया है. वह दिल्ली का दंगा बंगाल में ला रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘वह सीएए के बारे में बात कर रहे हैं. तब पीएम और सीएम चुनने वाले इस देश के नागरिक नहीं थे? सीएए खत्म हो गया है. वो इस बिल को संसद में क्यों नहीं ला रहे हैं? मैं नहीं चाहती कि नागरिकों के अधिकारों पर अंकुश लगे. हम सबको साथ रहना है और यही हमारी ताकत है.’

इसके साथ ही ममता ने गृह मंत्री को अपने काम करने और बीएसएफ की नौकरी में दखल न देने की चेतावनी दी है.

ममता ने कहा, ‘अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में आपके लिए मेरे मन में सम्मान है लेकिन मुझे मत सिखाओ कि क्या करना है. बीएसएफ को राज्य पर शासन करने के लिए न कहें. आपका काम नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ सीमाओं की रक्षा करना है. उनका काम पशु तस्करी और घुसपैठ को रोकना है. आग से मत खेलो.’

उन्होंने यह भी कहा कि गृहमंत्री को देखना चाहिए कि दिल्ली के जहांगीरपुरी, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में क्या हुआ, बंगाल की चिंता मत कीजिए. बीजेपी का काम है बांटना. उन्होंने गृहमंत्री के रूप में क्या किया है? ईद के दिन भी उन्होंने हिंसा की.

‘बीरभूम वाले आपके लोग नहीं हैं क्या?’

वहीं, अमित शाह ने ममता सरकार को कई मुद्दों पर घेरा. उन्होंने सिलीगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव के बाद यहां जो हिंसा हुई उसके बाद मानवाधिकार आयोग ने कहा कि बंगाल में कानून का राज नहीं है बल्कि यहां जो सत्ता में है उनकी इच्छा का राज है. यहां 101 लोगों की हत्या कर दी, 1829 लोग घायल हुए और 161 से ज्यादा मुकदमों में टीएमसी के गुंडे अपराधी पाए गए हैं.

शाह ने कहा,’ममता दीदी आपको 3 बार चुनने के बाद भी आप नहीं सुधर रही हैं, जब तक आप बंगाल की जनता पर अत्याचार, भ्रष्टाचार, कटमनी और सिंडिकेट का राज खत्म नहीं करेंगी तब तक बीजेपी अपनी लड़ाई चालू रखेगी.’

उन्होंने बीरभूम की घटना पर भी ममता सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘देशभर में कुछ भी होता है तो ममता दीदी टीएमसी का डेलीगेशन भेजती हैं। दीदी, बीरभूम में 8 महिलाओं और 1 बच्चे को जिंदा जला दिया गया, वहां आपने डेलीगेशन क्यों नहीं भेजा? बीरभूम वाले आपके लोग नहीं हैं क्या?’

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को आर्थिक रूप से कंगाल कर दिया है. 1947 में बंगाल का देश की जीडीपी में 30% हिस्सा था जो 2022 में घटकर 3.3% कर दिया गया. ममता दीदी क्या आप बंगाल की जनता को जवाब देंगी?


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