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‘मैं दुखी हूं’ – राजभवन में सन्यासियों के न आने से नाखुश हैं महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी

कोश्यारी ने सोमवार को कहा था कि वह इस राज्य का संवैधानिक प्रमुख बनकर गर्व महसूस करते हैं जिसके पास देश की बेहतरीन पुलिस है.

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मुंबई के राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी | पीटीआई फोटो

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा कि वो राज्यपाल बनने के बाद से नाखुश हैं और उन्हें लगता है कि वो सही जगह पर नहीं हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं दुखी हूं, खुश नहीं हूं.’ कोश्यारी ने कहा कि उन्हें खुशी और सही जगह तभी महसूस होती है जब राजभवन में सन्यासी या मुमुक्षरत्न आते हैं.

उन्होंने यह सभी बातें जैन समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र के राज्यपाल बनने के बाद खुश नहीं हैं.

उन्होंने सरकार से भविष्य में तीर्थ उद्योग लगाने का अनुरोध भी किया. राज्यपाल ने कहा, ‘मैं सरकार से ‘पर्यटन मंत्रालय’ की तरह एक तीर्थ मंत्रालय बनाने का अनुरोध करता हूं क्योंकि तीर्थ की अपनी गरिमा है.’

राज्य पर्यटन विभाग द्वारा शुक्रवार को राजभवन में ‘पवित्र जैन तीर्थ दर्शन सर्किट’ का उद्घाटन किया गया था.

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इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और वैष्णोदेवी मंदिर बोर्ड के सदस्य महामंडलेश्वर श्री विश्वेश्वर आनंद गिरि जी महाराज भी उपस्थित थे.

भगत सिंह कोश्यारी को सितंबर 2019 में महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.

हालांकि, उन्होंने सोमवार को कहा था कि वह इस राज्य का संवैधानिक प्रमुख बनकर गर्व महसूस करते हैं जिसके पास देश की बेहतरीन पुलिस है. कोश्यारी ने इसके साथ ही सुरक्षा कर्मियों से तटीय सीमा, साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थ तस्करी और नक्सलवाद से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिक को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की अपील की.

कोश्यारी ने यह विचार महाराष्ट्र पुलिस के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रखे थे.

इस मौके पर कोश्यारी ने कहा था, ‘मैं राज्य का राज्यपाल बनकर गर्व महसूस करता हूं जिसके पास देश की बेहतरीन पुलिस है.’


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