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लॉकडाउन जल्दी खत्म करना होगा लेकिन उसके बाद का प्लान सरकार के पास होना चाहिए: अभिजीत बनर्जी

राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बातचीत के दौरान बनर्जी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत सरकार को अमेरिका और कुछ अन्य देशों की तरह बड़ा प्रोत्साहन पैकेज देना होगा.

नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी से कोरोनासंक्रमण काल की स्थिति पर बात करते राहुल गांधी/फोटो: एएनआई

नई दिल्ली: कोरोना संकट की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए देश की आबादी के एक बड़े हिस्से के ‘हाथों में पैसे पहुंचाने’ होंगे. यह कहना है अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का. देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को अर्थशास्त्री व नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बात की.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बातचीत के दौरान बनर्जी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत सरकार को अमेरिका और कुछ अन्य देशों की तरह बड़ा प्रोत्साहन पैकेज देना होगा ताकि लोगों के हाथ में पैसे जाएं और बाजार में मांग बढ़ सके. उन्होंने यह भी कहा, ‘लॉकडाउन की वजह से जहां पर कारोबार पूरी तरह से ठप हैं, वहां भी आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है.’

राहुल गांधी ने अभिजीत बनर्जी से कई सवाल पूछे और उन्होंने एक सवाल यह भी किया कि क्या ‘न्याय’ की योजना की तर्ज पर लोगों को पैसे दिए जा सकते हैं?’ इसपर बनर्जी ने कहा, ‘निश्चित तौर पर.’

साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘अगर हम निचले तबके की 60 फीसदी आबादी के हाथों में कुछ पैसे देते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा. यह एक तरह का प्रोत्साहन होगा.’

दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव के समय तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘न्याय’ योजना का वादा किया था जिसके तहत देश के करीब पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने की बात कही थी.

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इस संवाद के दौरान बनर्जी ने यह भी सुझाव दिया कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें कम से कम तीन महीने के लिए ‘अस्थायी राशन कार्ड’ जारी किए जाएं ताकि उन्हें अनाज मिल सके.


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गांधी के एक अन्य सवाल के जवाब में नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि जरूरतमंद तक पैसे पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जा सकती है. यहां उन्होंने अमेरिका और ब्राजील के राष्ट्रपतियों का हवाला देते हुए कहा कि यह गलत धारणा है कि ऐसे संकट के समय ‘मजबूत व्यक्ति’ स्थिति से निपट सकता है.

बनर्जी ने कहा, ‘जितना जल्दी लॉकडाउन से बाहर आया जाए, उतना ही बेहतर है. लेकिन लॉकडाउन खत्म करने के बाद का प्लान भी सरकार के पास होना चाहिए वरना सारा बेकार है.’

साथ बनर्जी ने यूपीए सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों की तारीफ की और कहा कि अब की सरकार वो नीतियां लागू नहीं कर रही है.


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गौरतलब है कि पिछले दिनों राहुल गांधी एक इस तरह के वीडियो संवाद कर रहे थे. राहुल गांधी इन दिनों देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों और नीतिकारों से बात कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बातचीत की थी. बातचीत में राजन ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को सावधानीपूर्वक खत्म करने की पैरवी की थी और कहा था, ‘गरीबों की मदद के लिए सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जाएं और इस पर करीब 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.’

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