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कांग्रेस बचेगी तभी गांधी की मीमांसा, भगत सिंह का भारत, अंबेडकर के समानता का समाज बनेगा: कन्हैया कुमार

'आज देश में छिड़े वैचारिक संघर्ष को कांग्रेस पार्टी ही नेतृत्व दे सकती है. यह दीवार पर बैठ कर टुकुर-टुकुर ताकने का वक्त नहीं. यह अर्जेंसी है. इस टाइम पर दीवार पर बैठकर कि दायां जाएं या बायां जाएं यह मत सोचिए.

दायें से पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष और सीपीआई से कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया कुमार और गुजरात के बडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी | कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से.

नई दिल्ली: पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के युवा नेता कन्हैया कुमार ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद इसकी कई वजहें गिनाई. उन्होंने देश में आज के हालत को अर्जेंसी का टाइम यानि कि तुरंत कदम उठाने का समय बताया. उन्होंने कहा अभी दायें या बाएं यानि वामपंथी विचार या दक्षिणपंथी विचार पर सोचने का समय नहीं है.

कन्हैया कुमार ने कहा ‘लोग जानना चाहते हैं कि आप कांग्रेस पार्टी क्यों ज्वाइन किए? मैं कांग्रेस पार्टी इसलिए ज्वाइन कर रहा हूं को इस देश में कुछ लोग इस देश की सत्ता पर काबिज हुए हैं. इस देश की चिंतन परंपरा, वर्तमान, इसका भविष्य खराब कर रहे हैं. आप अपने दुश्मन का चुनाव कीजिए, विपक्ष का चुनाव कीजिए दोस्त अपने आप बन जाएंगे. इस लोकतांत्रिक पार्टी को इसलिए ज्वाइन कर रहा हूं क्योंकि देश के बहुत से युवा सोच रहे हैं कि कांग्रेस नहीं बचेगी तो यह देश नहीं बचेगा.’

आज इस देश को भगत सिंह, गांधी, अंबेडकर की जरूरत है. पूरे मॉल में आग लग चुकी है अब एक दुकान को बचाने का समय नहीं है.

कुमार ने कहा कि आज हम इस मुहाने पर खड़े हैं कि जो कि भारतीय होने की पहचान जिसमें बुद्ध निहित हैं, जिसमें कबीर निहित हैं, जिसमें नानक निहित हैं उस पर खतरा है.

कन्हैया ने कहा कि ‘इसलिए कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं कि कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है जो गांधी की विरासत को आगे लेकर चलेगी, सरोजनी नायडू के विचारों को लेकर चलेगी. कांग्रेस वह पार्टी है जो नेहरू, अंबेडकर, अशफाकउल्ला खान, शहीदे आजम भगत सिंह और मौलाना अबुल कलाम के रास्तों पर चलेगी.’

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उन्होंने कहा कि जब हम समानता और बराबरी की बात करते हैं तो यह कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं है. यह भारतीय होने का इतिहास है. इसी इतिहास को अपने आप में अगर कोई समेटे हुए है तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस है.

जो लोग कह रहे हैं कि विपक्ष कमजोर हो गया है यह सिर्फ चिंता विपक्ष की नहीं है. दरअसल जब विपक्ष कमजोर हो जाता है तो सत्ता तानाशाही रुख अख्तियार कर लेती है. इसीलिए देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी जो कि कुल 545 सीटों में से देश में 200 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा के आगे कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

कुमार ने कहा कि वह यह नहीं कहते कि उनकी जिम्मेदारी एक पार्टी के प्रति है, लेकिन देश कि एक जो सबसे बड़ी पार्टी है अगर उसे नहीं बचाया गया तो, अगर बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी-छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी.

कन्हैया ने कहा कि ‘मैं जहां पैदा हुआ, जिस पार्टी में पला-बढ़ा उसके प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं. उसने मुझे सिखाया, पढ़ाया, लड़ने का जज्बा दिया है लेकिन उस पार्टी के साथ साथ उन लाखों-करोड़ों लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो किसी पार्टी से जुड़े हुए नहीं थे उनके वाट्सएप ग्रुप में जब वे हमारे ऊपर आरोप मढ़ने पर अपने दोस्तों से लड़ रहे थे, अपने घरों में डिनर टेबल पर लड़ रहे थे, लोगों की दोस्तियां हमारे लिए टूट गईं. और मजाक नहीं कर रहा हूं, लोगों के तलाक तक हो गए.’

‘आज देश में छिड़े वैचारिक संघर्ष को कांग्रेस पार्टी ही नेतृत्व दे सकती है. देश के युवा जो कि हमें सुन-देख रहे हैं उनसे कहूंगा कि दीवार पर बैठ कर टुकुर-टुकुर ताकने का वक्त नहीं है. यह अर्जेंसी का टाइम है इस आर्जेंसी के टाइम पर दीवार पर बैठकर कि दायां जाएं या बायां जाएं यह मत सोचिए.’

युवा नेता कन्हैया ने कहा कि जब आप जंग में होते हैं तो आपके पास जो कुछ उपलब्ध होता है आप उससे मुकाबला करने की कोशिश करते हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बड़ी जहाज है, अगर यह बचेगी तो देश के लाखों, करोड़ों नौजवानों की आकांक्षाएं बचेंगी. गांधी की मीमांसा बचेगी, भगत सिंह के सपनों का भारत बचेगा, और बाबा साहब अंबेडकर के समानता के समाज के सपनों का निर्माण हो सकेगा. इसी उम्मीद के साथ वह इस पार्टी से जुड़ रहे हैं. मुझे भरोसा है कि कांग्रेस पार्टी सत्ता से सवाल में हमारे साथ रहेगी.

कुमार ने कांग्रेस को एक परिवार बताते हुए संघ परिवार पर तंज कसा जो परिवार से बाहर परिवार की बात करता है. यह पार्टी आपको परिवार छोड़ने की बात नहीं कहती. कहती है कि अपने परिवार में रहिए. महात्मा गांधी कस्तूरबा को लेकर अंग्रेजों से लड़ गए, और इन लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘घर परिवार के साथ रहना है, डॉ अंबेडकर भी अपने परिवार के साथ रहते थे. न्याय, बराबरी और संघर्ष के लिए मैं इस परिवार में शामिल हुआ हूं.’

वहीं इससे पहले कांग्रेस नेता पार्टी महासचिव सुरजेवाला ने कहा कि आज हम सबके लिए एक विशेष दिन है. क्योंकि इस मंच पर वो दो नौजवान बैठे हैं, जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं.

कन्हैया कुमार जी और जिग्नेश मेवाणी जी ने लगातार पिछले 7 साल से देश में चल रही मोदी सरकार और हिटलरशाही की जो नीति है, उसके खिलाफ अपने-अपने तरीके से युवाओं के लिए, गरीबों के लिए, वंचितों के लिए, दलितों के लिए व्यापक संघर्ष किया है.

‘हमारे इन साथियों को लगा कि ये आवाज तब और बुलंद हो पायेगी, जब यह आवाज कांग्रेस और श्री राहुल गांधी जी की आवाज में मिलकर एक और एक ग्यारह की आवाज बन जाएगी.’

‘मैं हमारे साथी कन्हैया कुमार जी और जिग्नेश मेवानी जी का आभारी हूं. मैं आपका भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस परिवार में स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं.’

कांग्रेस नेता केसी वेणु गोपाल ने भी देश की सबसे पुरानी पार्टी में दोनों युवा नेता कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी का स्वागत किया.

गोपाल ने कहा दोनों नेता अभिव्यक्ति की आवाज बुलंद करते रहते हैं. दोनों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं.

बिहार के कांग्रेस इंचार्ज भक्तचरण दास भट्टाचार्य ने कहा आज हमारे लिए आज उत्साहजनक दिन है. आज शहीद भगत सिंह जी की जयंती पर पार्टी ने बड़ा निर्णय लिया और कन्हैया, जिग्नेश को राहुल गांधी ने संविधान की कॉपी भेंट की. दोनों लड़ाकू, बेबाक तौर पर लड़ते आए हैं. कमजोर, बेसहारा के लिए आवाज बनते आए हैं.

जैसे राहुल गरीबों, महिलाओं के हित में आवाज उठाते हैं, उसी तरह कन्हैया और मेवानी के विचार से मिलन का समय है. दोनों हमारे लिए और देश के लिए योगदान करेंगे.

जिग्नेश भी पूरे देश में दलितों की लड़ाई को आगे ले जाएंगे.

 

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