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फेरबदल से पहले जगनमोहन रेड्डी की पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा

रेड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान सीएम पद संभालने के बाद संकेत दिया था कि वह मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करेंगे. यह फेरबदल पिछले दिसंबर में होने वाली थी लेकिन कोरोना की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.आर. जगन मोहन रेड्डी की फाइल फोटो। | एएनआई

नई दिल्ली: गुरुवार को फेरबदल से पहले आंध्र प्रदेश कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया.

गुरुवार को अंतिम कैबिनेट मीटिंग खत्म करने के बाद सभी 24 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

सूत्रों ने बताया कि नए मंत्री 11 अप्रैल को शपथ लेंगे.

राज्य में 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी कैबिनेट में फेरबदल के लिए पूरी तरह तैयार हैं जिसमें 19 मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना है.

मुख्यमंत्री के कुछ दिनों में राज्य मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों को शामिल करने की संभावना है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शपथ ग्रहण 9 अप्रैल को भी हो सकता है.

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सूत्रों ने कहा कि मौजूदा मंत्रियों में से सिर्फ चार ही अपने पदों को बरकरार रख सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री नौ अप्रैल से पहले नए मंत्रियों की आखिरी लिस्ट राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंद्रन को सौंपेंगे.

सूत्रों ने आगे कहा कि बुधवार को रेड्डी ने कैबिनेट से हटाए गए 19 मंत्रियों की लिस्ट गवर्नर को सौंप दी.

मौजूदा कैबिनेट में पांच डिप्टी सीएम हैं. राज्य में जाति संतुलन बनाने की अपनी रणनीति के तहत रेड्डी के पास पांच नए उपमुख्यमंत्री होने की संभावना है. वर्तमान में, पांच डिप्टी सीएम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक और कापू समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

साथ ही, उच्च जातियों के 11 मंत्री हैं जिनमें रेड्डी समुदाय के चार, ओबीसी के सात, एससी के पांच और एसटी और मुस्लिम समुदायों के एक-एक मंत्री शामिल हैं. आंध्र प्रदेश में 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के साथ, इस फेरबदल का महत्व है.

रेड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान सीएम पद संभालने के बाद संकेत दिया था कि वह मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करेंगे. यह फेरबदल पिछले दिसंबर में होने वाली थी लेकिन कोरोना की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था. पिछले महीने रेड्डी ने कहा था कि कैबिनेट का पुनर्गठन तेलुगु नव वर्ष उगादी के बाद होगा जो 2 अप्रैल को था.


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