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अगर राजद्रोह लगना जारी रहा तो हमारे श्रीलंका से बदतर हालात हो जाएंगे – महबूबा मुफ्ती

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से आईपीसी की धारा 124ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज न करने की बात कही है.

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महबूबा मुफ्ती की फाइल फोटो | पीटीआई

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के राजद्रोह पर रोक लगाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि अगर लोगों पर राजद्रोह लगाना जारी रहा तो हमारे हालात श्रीलंका से भी खराब हो जाएंगे.

महबूबा ने कहा, ‘अगर हमारे देश में छात्रों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों पर राजद्रोह लगता रहा हमारी स्थिति श्रीलंका से बदतर हालात हो जाएंगे. उम्मीद है कि बीजेपी श्रीलंका से सबक लेगी और वो सांप्रदायिक तनाव और बहुसंख्यकवाद को रोकेगी.’

जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से आईपीसी की धारा 124ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज न करने की बात कही है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आईपीसी की धारा 124ए के प्रावधानों पर फिर से विचार करने का आदेश दिया है जो राजद्रोह के अपराध को अपराध बनाती है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब तक दोबारा परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक 124ए के तहत कोई मामला दर्ज नहीं होगा.

महबूबा ने बुलडोजर राजनीति पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वो अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है.

उन्होंने कहा,’जिस तरह से अल्पसंख्यकों पर हमले किए जा रहे हैं वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, उनके घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट भी सामने आकर इस तरह के मुद्दों पर स्वतः संज्ञान नहीं लेता है.’


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