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MVA विधायकों के विरोध के बीच राज्यपाल कोश्यारी को छोड़कर जाना पड़ा विधान भवन, पूरा नहीं कर पाए अभिभाषण

भाजपा के मुख्य सचेतक आशीष शेलार ने राज्यपाल का अभिभाषण पूरा नहीं हो पाने के लिए एमवीए को दोषी ठहराया.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की एक फाइल फोटो। | फोटो: एएनआई

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य विधानसभा के संयुक्त सत्र में अपना अभिभाषण पूरा नहीं कर पाए और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के विरोध के बीच उन्हें विधान भवन छोड़कर बाहर जाना पड़ा.

कुछ दिन पहले कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी को लेकर एक विवादित बयान दिया था जिसे लेकर एमवीए के विधायक नारेबाजी कर रहे थे.

एनसीपी के विधायक संजय दाउंद ने विरोध जताते हुए विधानसभा के बाहर शीर्षासन भी किया.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष एवं जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने दावा किया कि सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा में नारेबाजी की, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने ‘निचले दर्जे’ की नारेबाजी की, जिसे राज्यपाल बर्दाश्त नहीं कर सके.

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पाटिल ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह राष्ट्रगान का इंतजार किए बिना चले गए.’

शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि कोश्यारी को ऐसा नहीं कहना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वो भाजपा के साथ हैं और सत्र शुरू होने के मद्देनज़र उन्होंने इस विवाद को उठाया.’

दूसरी ओर, भाजपा के मुख्य सचेतक आशीष शेलार ने राज्यपाल का अभिभाषण पूरा नहीं हो पाने के लिए एमवीए को दोषी ठहराया.

उन्होंने कहा, ‘विधानपालिका के बाहर और भीतर हमारी एक मात्र मांग यह है कि (भगोड़े गैंगस्टर) दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ संबंध रखने के आरोपी मंत्री नवाब मलिक को मंत्रालय से इस्तीफा देने को कहा जाए. हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे. कार्यवाही का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है.’


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विवाद का कारण

कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर हाल में की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर राज्यपाल की आलोचना की और कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

कोश्यारी ने रविवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज और चंद्रगुप्त मौर्य का उदाहरण देते हुए गुरु की भूमिका को रेखांकित किया था.

उन्होंने कहा था, ‘इस भूमि पर कई चक्रवर्ती (सम्राट), महाराजाओं ने जन्म लिया, लेकिन चाणक्य न होते तो चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता? समर्थ (रामदास) न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता.’

कोश्यारी ने कहा था, ‘मैं चंद्रगुप्त और शिवाजी महाराज की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं. जैसे एक मां, बच्चे का भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उसी तरह हमारे समाज में एक गुरु का भी बड़ा स्थान है.’


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नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग

इस बीच, बजट सत्र से पहले भाजपा विधायकों ने नवाब मलिक को पद से नहीं हटाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ यहां विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया.

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दारेकर और भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की एमवीए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘सरकार नवाब मलिक का इस्तीफा क्यों नहीं लेना चाहती? ये दाऊद समर्पित सरकार है. नवाब मलिक का इस्तीफा तुरंत लिया जाना चाहिए.’

बता दें कि नवाब मलिक को मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय से मेडिकल के लिए आज ले जाया गया है. दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मलिक की हिरासत आज खत्म हो रही है.


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