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‘सरकार ने आजादी के बाद से जातिवार जनगणना नहीं की’ – गृह मंत्रालय ने संसद में दी जानकारी

सवालों के जवाब में, गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की जनगणना 2021 को आयोजित करने की मंशा 28 मार्च, 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित की गई थी.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय | एएनआई

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अलावा जातिवार आबादी की गणना नहीं की है.

संसद सदस्यों ने 2021 की प्रस्तावित जनगणना की वर्तमान स्थिति पर प्रश्न पूछे थे साथ ही उन्होंने सवाल किया था कि क्या सरकार प्रस्तावित जनगणना में जाति और उप-जाति सहित पर्यायवाची आधारित जनगणना कराने पर विचार कर रही है.

सवालों के जवाब में, गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की जनगणना 2021 को आयोजित करने की मंशा 28 मार्च, 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित की गई थी.

उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के कारण, जनगणना 2021 और संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है.’

उन्होंने जवाब दिया कि समय-समय पर संशोधित संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 के अनुसार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में विशेष रूप से अधिसूचित जातियों और जनजातियों को सूचीबद्ध किया गया है. भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में एससी और एसटी के अलावा अन्य जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं की है.

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प्रस्तावित जनगणना पर खर्च होने वाली संभावित धनराशि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत की जनगणना 2021 की कवायद के लिए 8754.23 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.


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