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राहुल को बाइक पर घुमाने से लेकर उनके करीबी बनने तक, MP कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने पूर्व विधायक जीतू पटवारी

पूर्व NSUI कार्यकर्ता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य, पटवारी ने पूर्व सीएम कमल नाथ की जगह ली है. उन्हें अक्सर एक आक्रामक नेता के रूप में वर्णित किया जाता है जो विपक्ष से सीधे मुकाबला करने से नहीं डरते.

जीतू पटवारी की फाइल फोटो | फोटोः एएनआई

भोपाल: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की जगह जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया.

50 वर्षीय ओबीसी नेता, जिन्हें अक्सर कांग्रेस में “उभरता सितारा” कहा जाता है, को 2018 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था जब कमलनाथ को एमपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद पटवारी को पार्टी के राज्य मीडिया सेल के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया, जिसने उन्हें भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की अनुमति दी.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उन्हें राहुल गांधी का भी करीबी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने कुछ साल पहले ही यह स्थान अर्जित किया था. 2017 में मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में पुलिस गोलीबारी में कथित तौर पर पांच किसानों की मौत के बाद, राहुल गांधी ने मोटरसाइकिल पर पटवारी के पीछे पीछे बैठकर शहर का दौरा किया था. उनकी बाइक को पुलिस ने रोक लिया, लेकिन कहा जाता है कि उस घटना ने पटवारी को राहुल गांधी के करीबी लोगों में से एक के रूप में स्थापित कर दिया.

वह दिग्विजय सिंह के साथ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक भी थे. हालांकि, उन्हें न तो सिंह के खेमे में देखा जाता है, न ही कमल नाथ के खेमे में.

राज्य में कांग्रेस के आदिवासी चेहरे, गंधवानी विधायक उमंग सिंघार को विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया गया था. सिंघार कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में वन मंत्री थे. वहीं, हेमंत कटारे नए उपनेता हैं.

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7 मार्च, 2022 को बजट के उद्घाटन के दिन राज्यपाल मंगूभाई पटेल द्वारा दिए गए अभिभाषण के बहिष्कार का आह्वान करने के बाद पटवारी विवाद में आ गए, लेकिन समाचार रिपोर्टों के अनुसार कांग्रेस नेताओं द्वारा इसका समर्थन नहीं किया गया. एक कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, “तब शिवराज सिंह चौहान ने पटवारी से कहा था कि मेरे पास आपकी पूरी फाइल है, जिस पर पटवारी ने जवाब देते हुए कहा था कि ‘आपको जितनी फाइलें खोलनी है खोल लीजिए’.”

इस साल विधानसभा चुनावों में, राजस्व अधिकारियों की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर उनके हमलों के बावजूद, पटवारी भाजपा के मधु वर्मा से 35,000 वोटों के अंतर से हार गए.


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पटवारी का राजनीतिक सफर

किसान का बेटा, पटवारी मालवा क्षेत्र में इंदौर के पास राऊ का रहने वाला है. अपने गांव में जिला पंचायत के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद उन्होंने पहली बार राजनीति में प्रवेश किया.

जीतू पटवारी के एक करीबी सहयोगी के मुताबिक, जब गांव के बुजुर्गों ने सदस्य बनने के लिए उनके पिता से संपर्क किया था, तो उन्होंने अपने बेटे को उनकी जगह चुनाव लड़ने के लिए कहा था.

इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से लाॅ की पढ़ाई करने वाले पटवारी, कांग्रेस की छात्र शाखा, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) में एक नेता के रूप में सक्रिय थे. जिला पंचायत सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद, पटवारी को 2008 में मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने पूरे राज्य का दौरा किया, कांग्रेस के युवा कैडर को सक्रिय किया और राज्य भर में कई विरोध प्रदर्शन किए.

उन्हें अक्सर एक ‘आक्रामक नेता’ के रूप में वर्णित किया जाता है जो विपक्ष से सीधे मुकाबला करने से नहीं डरते.

2013 में पटवारी को राऊ से विधानसभा का टिकट दिया गया. वह उस साल और फिर 2018 में जब कांग्रेस सत्ता में आई तो उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की. 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद, पटवारी को उच्च शिक्षा, युवा और खेल मामलों का मंत्री बनाया गया था.

2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने 22 वफादार विधायकों के साथ दलबदल करने के बाद, पटवारी को उन्हें वापस लाने के लिए कहा गया था. वह विधायकों को वापस लाने के लिए पहले दिल्ली और गुरुग्राम गए और फिर बेंगलुरु गए जहां कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक डेरा डाले हुए थे.

दिप्रिंट से बात करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने कहा, “जीतू पटवारी एक ऊर्जावान नेता हैं जो पूरी तरह से कांग्रेस के प्रति समर्पित हैं. वह अपने से पहले पार्टी को संभालने वाले वरिष्ठ नेताओं के काम को आगे बढ़ाएंगे और कांग्रेस को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.”

जीतू पटवारी सुबह जल्दी उठने वाले व्यक्ति हैं और रोजाना सुबह 6 बजे उठ जाते हैं. वह नियमित रूप से साइकिल चलाते हैं और जब भी संभव हो खेती के लिए समय निकालते हैं.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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