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प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति न करें, मिलकर उपाय निकालने की जरूरत: अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ी है, बल्कि पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण के समाधान को तलाश रही है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का फाइल फोटो, सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के बद से बदतर हो जाने के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील करते हुए पड़ोसी राज्यों और केंद्र से साथ बैठकर पराली जलाने को रोकने के उपायों पर विमर्श करने को कहा.

केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ी है, बल्कि पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण के समाधान को तलाश रही है.

उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. दिल्ली के लोग शहर में प्रदूषण को कम करने के लिए जो कर सकते थे, वो सबकुछ किया लेकिन पराली जलाने के खिलाफ सख्त उपाय करने की जरूरत है.’

केजरीवाल ने पराली जलाने को रोकने के लिए केंद्र द्वारा पराली को निपटाने वाली मशीनों के वितरण में धीमी गति पर सवाल उठाया.

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उन्होंने कहा, ‘पंजाब और हरियाणा में, अब तक 63,000 मशीनों को किसानों को उपलब्ध कराया गया है. इन राज्यों में 27 लाख किसान हैं. सभी किसानों को इन मशीनों का वितरण करने में कितना वक्त लगेगा? कितने समय तक हम इस प्रदूषण को झेलते रहेंगे?’

केजरीवाल ने सभी पड़ोसी राज्यों और केंद्र से साथ बैठ कर दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के समाधान पर चर्चा करने की अपील की.

मुख्यमंत्री ने सोमवार से शुरू हो रही सम विषम योजना का पालन करने की भी दिल्लीवासियों से अपील की.

उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि इस योजना के दौरान, अगर वे अपनी कार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो वे कार पूल (कार साझा) का उपयोग करें. मैं भी सख्ती से इस योजना का पालन करूंगा.’

दिल्ली में भयंकर प्रदूषण है. दिल्ली में दोपहर दो बजे एक्यूआई 489 था जो गंभीर श्रेणी में आता है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था के मुताबिक, दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को पराली जलाने से होने वाले धुएं की हिस्सेदारी 46 फीसदी थी. शनिवार को यह घटकर 17 फीसदी हो गई और रविवार को 12 फीसदी रहने का अनुमान है.

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