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विधानसभा चुनाव: महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर को होगा मतदान, 24 को आएंगे नतीजे

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं, जबकि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटें है. दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव का जायजा लेने बिहार की यात्रा पर हैं/फोटो: एएनआई

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शनिवार को महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा के चुनावों की तारीखों का एलान कर दिया है. दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान होंगे. इन चुनावों के नतीज़े 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. विधानसभा चुनावों की तारीखों के एलान के साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श चुनाव संहिता लागू हो गई है.

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं, जबकि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटें है. दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत में यह भी बताया, ‘राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए 27 सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी. 4 अक्टूबर को नामांकन का अंतिम दिन होगा. 7 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. दोनों राज्यों में एक ही चरण में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 21 अक्टूबर को बिहार की पांच, उत्तरप्रदेश की 11 , मध्यप्रदेश की एक, अरुणाचल प्रदेश की एक, असम की चार, छत्तीसगढ़ की एक , हिमाचल प्रदेश की दो, गुजरात की चार, कर्नाटक की 15, केरल की पांच, मेघालय की एक, ओडिशा की एक, राजस्थान की दो,  पंजाब की चार, सिक्किम की तीन, तमिलनाडु की दो, तेलंगाना की एक और पुडुचेरी की एक सीट मिलाकर कुल 64 सीटों पर उपचुनाव होगा. इनका नतीजा भी 24 अक्टूबर को ही आएगा.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान के निधन से खाली हुई बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर भी मतदान किया जाएगा.

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चुनावों में प्लास्टिक सामग्री का कम हो प्रयोग: आयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस वार्ता में कहा कि दोनों राज्यों में उम्मीदवार के लिए चुनाव में खर्च की अधिकमत सीमा 28 लाख रुपए होगी. महाराष्ट्र में 8.94 करोड़ मतदाता और हरियाणा में 1.28 ​करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. हरियाणा में 1.3 लाख ईवीएम मशीन और महाराष्ट्र में 1.8 लाख ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा. हरियाणा में 2 नवंबर और महाराष्ट्र में 9 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है.

चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि विधानसभा चुनाव के प्रचार में प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें. वहीं पर्यावरण को ध्यान में रखकर प्रचार करें. बता दें कि मीडिया से बातचीत के दौरान अरोड़ा ने विशेषरूप से यह भी बताया कि आयोग इस चुनाव में प्रत्याशियों और पार्टियों के सोशल मीडिया हैंडल पर भी विशेष नज़र रखेगा. प्रत्याशियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड और सं​पत्ति की भी जानकारी देनी होगी. 30 दिन में चुनावी खर्च की जानकारी भी देनी होगी.

2014 में दोनों राज्यों में भाजपा ने बनाई थी सरकार

2014 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से 122 सीटें भाजपा को मिली थी. शिवसेना को 63 सीटें हासिल हुई थीं. 25 साल पुराने गठबंधन ने राज्य में दोनों ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था. चुनाव के परिणाम के बाद राज्य में दोनों ने गठबंधन सरकार बनाई थी. 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 42, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 41 और अन्य को 20 सीटें हासिल हुई थीं.

2019 के लोकसभा चुनाव में 48 सीटों में से भाजपा को 23, शिवसेना को 18, कांग्रेस को 1, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 4 और अन्य को 4 सीटे हासिल हुई थीं.

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में भाजपा ने 47 सीटें हासिल की थी. भाजपा ने राज्य में पहली बार अपने दम पर मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में सरकार बनाई थी. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 15, इनेलो को 19 और अन्य को 9 सीटें हासिल हुईं थीं.

2019 के लोकसभा चुनाव में 10 सीटों में से भाजपा को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. अन्य पार्टियों का खाता भी नहीं खुल सका था.

विधानसभा चुनावों में दिखेगा मोदी सरकार के फैसले का असर

दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में विपक्ष सत्तापक्ष को कटघरे में खड़ा करेगा. वहीं भाजपा नरेंद्र मोदी सरकार के कामों को लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी. इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना, तीन तलाक और एनआरसी के मुद्दों का असर भी देखने को मिलेगा.

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