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BRS का दावा, KCR और मान ने हैदराबाद में नेशनल पॉलिटिक्स पर चर्चा की, लेकिन ‘आप’ ने बैठक को तवज्जो नहीं दी

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मंगलवार को हैदराबाद की अपनी यात्रा के दौरान तेलंगाना के सीएम केसीआर से मुलाकात की थी. ‘आप’ का कहना है कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मंगलवार को हैदराबाद में अपने तेलंगाना समकक्ष केसीआर के साथ| Twitter @CMOPb

हैदराबाद: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तेलंगाना के अपने समकक्ष के. चंद्रशेखर राव से मंगलवार को हैदराबाद में मुलाकात की, जिसे आम आदमी पार्टी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के बीच बढ़ती साझेदारी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा वाली ये दोनों पार्टियां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के खिलाफ खड़ी हैं.

गौरतलब है कि कथित तौर पर दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोप पत्र में केसीआर की बेटी और एमएलसी के. कविता का नाम लिए जाने के बाद यह बैठक हुई है. हालांकि केसीआर के कार्यालय ने कहा कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने ‘राष्ट्रीय राजनीति’ पर चर्चा की थी, जबकि आप ने बैठक को ‘शिष्टाचार’ यात्रा बताते हुए इसे महत्व नहीं दिया और इस बात पर जोर दिया कि इसमें ‘कुछ भी राजनीतिक’ नहीं था.

मान चेन्नई और हैदराबाद के दो दिवसीय दौरे पर थे. यहां उन्होंने अपने राज्य के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की. मान ने केसीआर से उनके ऑफिस और आवास ‘प्रगति भवन’ में मुलाकात की थी, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया.

केसीआर के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि दोनों ने तेलंगाना और पंजाब में शासन के मुद्दों के साथ-साथ देश में राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस किए जाने पर भी भगवंत मान ने केसीआर को बधाई दी थी.

तेलंगाना ‘आप’ कोर कमेटी के एक सदस्य बुर्रा रामू गौड़ ने दिप्रिंट को बताया कि यह बातचीत ‘दो सरकारों के बीच एक बैठक की तरह थी.’

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गौड़ ने कहा, ‘ और उसी शिष्टाचार के साथ उन्होंने (मान) बीआरएस के लॉन्च के लिए केसीआर को बधाई दी होगी. यह एक नेशनल पॉलिटिकल मीटिंग हो सकती है, लेकिन इस दौरान कोई बड़ी राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. यह सिर्फ एक आधिकारिक शिष्टाचार मुलाकात है. वास्तव में, पिछले महीने पार्टी (आप) ने एक राष्ट्रीय समिति की बैठक की थी, जहां हमने स्पष्ट रूप से चर्चा की थी कि कैसे ‘आप’ को सभी राज्यों में जाना है. हमें किसी भी गठबंधन में दिलचस्पी नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘जिस तरह ‘आप’ ने दिल्ली और पंजाब में जीत हासिल की, हम दूसरे राज्यों में भी ऐसा ही करना चाहते हैं.’

केसीआर से मुलाकात के बाद मान से मिलने वाले तेलंगाना ‘आप’ के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की पार्टी को राजनीतिक समर्थन देने पर कोई चर्चा नहीं की.

नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘मुख्यमंत्री (मान) ने हमें बताया कि मुलाकात में गवर्नेंस, निवेश को लेकर सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई थी. कोई बड़ी राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. निश्चित रूप से, बीआरएस को समर्थन देने के बारे में भी कोई बातचीत नहीं हुई थी. आम आदमी पार्टी इसके बारे में बिल्कुल नहीं सोच रही है. गठबंधन को तरजीह देना अरविंद केजरीवाल (दिल्ली के मुख्यमंत्री) की शैली नहीं है.’

तेलंगाना आप कोर कमेटी के सदस्य डी. सुधाकर ने कहा कि मान के लिए तेलंगाना में अपने समकक्ष से मिलना ‘शिष्टाचार का तकाजा था’ (minimum courtesy). उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा, क्योंकि वे अतीत में पंजाब में मिल चुके हैं और केसीआर ने वहां किसानों के परिवारों (किसान आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिजन) को आर्थिक सहायता प्रदान की थी, इसलिए यह भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने का एक कारण है.’

बैठक में शामिल हुए बीआरएस के एक विधायक ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की थी. नेता ने कहा कि मान और केसीआर ने इस बारे में बात की कि वे भाजपा से कैसे लड़ सकते हैं जो उनका साझा राजनीतिक विरोधी है.

बीआरएस को पिछले महीने तक तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नाम से जाना जाता था. पार्टी अब आक्रामक रूप से क्रिसमस के बाद अपने विस्तार की योजना बना रही है. पार्टी की दिसंबर के अंत तक पंजाब समेत छह राज्यों में किसान सेल शुरू करने की योजना है.

पार्टी देश भर में अलग-अलग भाषाओं में गीत और साहित्य जारी करने के अलावा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और ओडिशा में अपने झंडे फहराने की भी योजना बना रही है. पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, केसीआर इस महीने के अंत तक बीआरएस की नीतियां और योजनाएं पेश कर देंगे.

(अनुवाद: रामलाल खन्ना)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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