होम राजनीति बढ़ सकती हैं आजम खां की मुसीबतें, सपा को नहीं मिल रहा...

बढ़ सकती हैं आजम खां की मुसीबतें, सपा को नहीं मिल रहा विपक्ष का साथ

सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां को भूमफिया घोषित किए जाने वाले मामले को पार्टी की ओर से दोनों सदनों में बड़ी जोर-शोर से उठाया गया है और इस मुद्दे पर सपा को विपक्ष के अन्य दलों का साथ नहीं मिल पा रहा है.

news on politics
लोकसभा में बोलते हुए सपा नेता आजम खान, फाइल फोटो | एएनआई

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी वे अपने ही अंदाज में लोकसभा में पदासीन रमा देवी पर आपत्तीजनक टिप्पणी करने के बाद अब वह चौतरफा घिर गए हैं. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां को भूमफिया घोषित किए जाने वाले मामले को पार्टी की ओर से दोनों सदनों में बड़ी जोर-शोर से उठाया गया है और इस मुद्दे पर सपा को विपक्ष के अन्य दलों का साथ नहीं मिल पा रहा है. सपा ने रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर आजम खां के खिलाफ दर्ज करवाई जा रही एफआईआर का मुद्दा उठाया. आरोप लगाया कि आजम खां के परिवार को प्रताड़ित करने के लिए 26 एफआईआर दर्ज की गईं.

नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पक्ष और विपक्ष दोनों के रहने से ही लोकतंत्र चलता है. लेकिन, महसूस हो रहा है कि सरकार विपक्ष को खत्म कर देना चाहती है. आजम खां पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह दीवानी और राजस्व से संबंधित हैं, लेकिन एफआईआर थाने पर बिना राजस्व अधिकारी की रिपोर्ट के दर्ज करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सपा ने अपनी कमिटी भेज कर जांच करवाई है.

उन्होंने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि यदि उस कमिटी की जांच पर विश्वास न हो, तो विधानसभा की सर्वदलीय कमिटी से इसकी जांच कराई जा सकती है. कहा कि आजम खां को अपमानित कर सरकार समाजवादी पार्टी और अल्पसंख्यक समुदाय को अपमानित करने की कोशिश कर रही है.

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना सदन में कई सारे तथ्य लेकर पहुंचे. उन्होंने कहा कि आजम खां और रामपुर के पूर्व सीओ सिटी के खिलाफ एफआईआर एसडीएम सदर, रामपुर के आदेश पर दर्ज हुई हैं. साथ ही उन्होंने एफआईआर दर्ज करानेवालों के नामों सहित उन लोगों के नामों की जानकारी सदन को दी, जिनकी जमीनें विवि में शामिल की गई हैं.

उन्होंने बताया कि बिना जिलाधिकारी की अनुमति के अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनें भी ट्रस्ट के नाम करवाई गईं. आरोप लगाया कि सपा की जो कमिटी जांच करने गई थी, उन्होंने भुक्तभोगी किसानों का पक्ष ही नहीं लिया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि आजम खां के विवि के जो बिल आए हैं, उसका वह समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उसमें विसंगतियां हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारा सपा के साथ कोई गठबंधन तो है नहीं कि हम हर मुद्दे पर उनके साथ रहेंगे, लेकिन यह भी कहूंगा कि किसी व्यक्ति को राजनीतिक द्वेष के चलते परेशान नहीं किया जाना चाहिए. मामले की न्यायपूर्वक जांच हो. कानून के दायरे में सब आते हैं. किसी पार्टी विशेष को निशाना बनाकर परेशान नहीं किया जाना चाहिए.’

रामपुर के कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल राम नाईक से आजम खां के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि आजम खां ने विश्वविद्यालय की चहारदीवारी बनाने के नाम पर कई ग्रामीणों की जमीन हड़प ली है.

फैसल खान लाला ने आजम खां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा था. राज्यपाल ने इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक कार्रवाई करने को कहा है. इस पर दीपक सिंह ने कहा कि यह लाला का व्यक्तिगत मामला है. यह पूरी कांग्रेस का विचार तो हो नहीं सकता.

बसपा से विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा, ‘हम जो मुद्दा विधानसभा में लाते हैं, उसी पर बात करते हैं. आजम खां के प्रकरण में मुझे कोई जानकारी नहीं है. इस मामले की वास्तविकता जाने बिना कोई कमेंट करना ठीक नहीं है. एक बात तो है कि भाजपा हर मुद्दे में राजनीति कर रही है. भाजपा अपने विरोधियों को परेशान कर रही है. हमारी पार्टी पर मुद्दे तय होते हैं कि किस पर बोलना है, किस पर नहीं. इस मुद्दे पर मेरा कोई विचार नहीं है.’

दोनों सदनों में हालांकि सपा द्वारा उठाए गए मॉब लिंचिंग या फिर सोनभद्र नरसंहार मामले में पूरा विपक्ष एक साथ दिखा. इन्हीं सब मुद्दे को लेकर सपा के साथ सारे विपक्षी दलों ने बहिर्गमन भी किया. लेकिन आजम खां के मुद्दे पर अभी तस्वीर धुंधली ही दिखाई दे रही है. इस पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है.

Exit mobile version