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असदुद्दीन ओवैसी को पुलिस ने जहांगीरपुरी विध्वंस स्थल पर जाने से रोका, कार्रवाई पर उठाए सवाल

बुधवार को ही जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अतिक्रमण को लेकर बुलडोजर से की जा रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा.

Asaduddin Owaisi
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी | फोटो - ANI

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को जहांगीरपुरी का दौरा किया.

ओवैसी जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अतिक्रमण को लेकर बुलडोजर से की जा रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अपना यह दौरा किया है.

हालांकि घटनास्थल से पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया वहां जाने की अनुमति नहीं दी. इसके औवेसी को वापस लौटना पड़ा.

इस दौरान औवेसी ने जमकर मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार की जमकर आलोचना की. साथ ही उन्होंने पुलिस पर सवाल खड़े किए.

उन्होंने कहा कि ‘हनुमान जयंती के मौके पर पुलिस ने ही अनुमति नहीं दी तो शोभा यात्रा कैसे हुई? लोगों के पास हथियार कैसे थे? अगर उन्होंने (पुलिस) उन्हें रोक दिया होता और हथियार जब्त कर लिए होते, तो हमें यह दिन देखने की जरूरत नहीं होती.’

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औवेसी ने आगे कहा, ‘पुलिस ने मुझे जामा मस्जिद पर रोक लिया. 6-7 साल से बीजेपी की सरकार है तब क्यों नहीं तोड़ा? अरविंद केजरीवाल के घर हमला हुआ तो उन्होंने आसमान सर पर उठा लिया था.’

अपनी यात्रा से पहले उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि ‘आपने मस्जिद के सामने की दुकानों को तोड़ दिया लेकिन मंदिर के सामने की दुकान को क्यों नहीं तोड़ा. ये एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. मैं इसकी निंदा करता हूं. मैं कोर्ट का शुक्रगुजार हूं कि उसने इस पर रोक लगाई.’

उन्होंने कहा था, ‘अगर वो (दुकान और मकान) अनाधिकृत थे तो 7 साल से बीजेपी की सरकार क्यों सो रही थी ? आपने (सरकार) एक समुदाय को निशाना बनाकर उनकी दुकान और घर को नुकसान पहुंचाया है. कौन अपराधी है यह कोर्ट फैसला करेगा.’

गौरतलब है कि इसके बाद बुधवार को ही जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की अतिक्रमण को लेकर बुलडोजर से की जा रही कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा.

बता दें कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं. हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था.


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