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‘कुछ भी हो सकता था’ — संसद सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा के लिए आज INDIA ब्लॉक करेगा बैठक

गृह मंत्रालय ने कहा कि उल्लंघन की जांच करने, खामियों की पहचान करने और संसद में सुरक्षा में सुधार के सुझावों सहित सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए जांच समिति गठित की गई है.

लोकसभा में कूदे व्यक्ति ने पीले रंग की वस्तु से धुआं फैला दिया | स्पेशल अरेंजमेंट
लोकसभा में कूदे व्यक्ति ने पीले रंग की वस्तु से धुआं फैला दिया | स्पेशल अरेंजमेंट

नई दिल्ली: संसद सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों का INDIA गुट गुरुवार को एक बैठक करेगा.

घटना के कुछ घंटों बाद बुधवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया कि उल्लंघन की जांच के लिए एक जांच समिति गठित कर दी गई है.

बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से सदन में कूद पड़े. उनमें से एक ने कैन खोला जिससे पीले रंग की गैस निकली, इससे पहले कि सुरक्षा बलों और सांसदों ने दोनों को पकड़ लिया. घटना के सिलसिले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, दो अन्य लोग फरार हैं.

दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक की घटना के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है.

कांग्रेस ने सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्र सरकार को घेरने की मांग करते हुए मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह दोनों सदनों में बयान दें. यह कहते हुए कि यह घटना “जानलेवा” हो सकती थी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सवाल यह है कि 2001 के संसद हमले की 22वीं बरसी पर दो व्यक्ति इतनी कड़ी सुरक्षा को कैसे तोड़ सकते हैं और लोकसभा में प्रवेश कर सकते हैं.

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हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, “विपक्ष का आचरण देश के लिए एक संदेश है.”

कांग्रेस पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने बाद में एक्स पर पोस्ट में लिखा, “लोकसभा में हुई बेहद असामान्य घटनाओं और इस मामले पर बयान देने से गृह मंत्री के इंकार करने के कारण INDIA की पार्टियों ने आज दोपहर राज्यसभा से वॉकआउट किया. 22 साल पहले संसद पर हुए हमले के दिन ही सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक होना गंभीर मामला है.”

बुधवार की घटना के तुरंत बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सदन में कहा, “आज, हमने अपने बहादुरों को पुष्पांजलि अर्पित की, जिन्होंने संसद हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी और आज ही यहां हमला हुआ. इस बरसी पर ये घटना कैसे घटी? क्या यह साबित करता है कि हम उच्च स्तर की सुरक्षा बनाए रखने में विफल रहे? अच्छा लग रहा है कि हमारे सांसदों ने निडर होकर उन्हें पकड़ लिया, लेकिन आज संसद की सुरक्षा कहां थी जो पुरानी संसद को सफलतापूर्वक बचा ले गई.”

घटना के तुरंत बाद लोकसभा स्थगित कर दी गई. इसके फिर से शुरू होने के बाद, अध्यक्ष ओम बिरला ने घोषणा की कि “घटना की गहन जांच की जा रही है”, कूदने वाले दो लोगों को पकड़ लिया गया है और उनकी सामग्री जब्त कर ली गई है.

बिरला ने कहा, संसद के बाहर दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उनका आश्वासन विपक्षी दलों को शांत करने में विफल रहा. स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.

घुसपैठियों को पकड़ने की कोशिश करने वालों में खुद को शामिल करने का दावा करने वाले सांसदों में से एक कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला थे. उनके हाथों में पीला रंग लगा था, उन्होंने कहा, “यह एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन है. नई संसद में कुछ मसला है.”

औजला ने सुरक्षा के मामले में नए संसद भवन की कथित कमियों पर भी चिंता व्यक्त की, यह चिंता उनके साथी सांसद शशि थरूर ने भी साझा की. उन्होंने कहा, “प्रवेश करने और बाहर निकलने का केवल एक ही रास्ता है. संसद में कोई भी आ ही जाता है. कैंटीन में सभी लोग एक साथ बैठे हैं. पुरानी संसद में ये बातें नहीं थीं.”

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, “मुझे लगता है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. लोकसभा के अंदर कुछ भी हो सकता था.”

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट किया, “संसद में अभूतपूर्व सुरक्षा उल्लंघन हमारे लोकतंत्र के प्रतिष्ठित मंदिर के लिए एक खतरनाक खतरा है.”

जबकि टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय ने इस घटना को एक “भयानक अनुभव” कहा, जहां उन्हें इस घटना में बंदूकों और बमों के शामिल होने की उम्मीद थी, वहीं शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया कि यह हमला उनके “खालिस्तान आतंकवादी गुरपतवंत सिंह का मुद्दा उठाने” के एक दिन बाद हुआ है. पन्नुन ने 13 तारीख को संसद पर हमला करने की धमकी दी, लेकिन इस मुद्दे को नज़रअंदाज कर दिया गया था.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस हमले को “लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान” बताया.

उन्होंने कहा, “हमारे लोकतंत्र के मंदिर की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता.”

केजरीवाल ने मामले की तत्काल जांच और उसके बाद त्वरित और सख्त कार्रवाई का भी आह्वान किया.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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