केवल आदिवासी ही इस बात को समझते हैं कि प्राकृतिक जंगल उगाये नहीं जा सकते
भारत में 10 करोड़ से ज्यादा आदिवासी हैं, जो ब्रिटेन या जर्मनी की आबादी से ज्यादा हैं. देश में जंगल सिर्फ वहीं बचे हैं, जहां आदिवासी रहते हैं. जंगल में रहने के उनके अधिकार की रक्षा होनी चाहिए.
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